देख लहू श्र्द्धालुओं का, मन क्यों मेरा डोल उठा। देख दशा कश्मीर की, रोम-रोम मेरा आज रो उठा॥ इस पाकिस्तानी हरकत पर, इस ! इस ! इस ! पाकिस्तानी हरकत पर, खून मेरा आज खोल उठा॥ अब चाहे जो हो, अब तो कर्ज चुकाना है। आईना आतंक-ए-पाकिस्तान, को दिखाना है॥ […]

सावन का पहला सोमवार, जब घर-घर,हर-हर भोला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला बोला है॥ पाक परस्तों ने फिर आज, दुखती नब्ज़ को टटोला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला बोला है॥ हम बैठे हैं,बनकर भोले, उसने ताकत को तौला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला […]

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कौन बेवकूफ़ (गधा) इसे कायराना हमला कह रहा है ? अरे कहकर मारा है..बताकर मारा है..सेना के संरक्षण में मारा है…और घुसकर भी मारा है। अरे नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते ही मारा है…जी हां,भक्तों को ही मारा है और एक आतंकी की बरसी पर ही मारा है… उस देश […]

ढल गया चाँद रात को लेकर, नींद न आई किसी बात को लेकर। कई सवाल लड़ते रहे यूँ आपस में, हम चले आए अपने जज्बात को लेकर। कसकर मुठ्ठी में कुछ ख्वाब छिपाए थे, बैठे रहे रात भर डरे हाथ को लेकर। हँसी चेहरे पर रखो भले ही झूठी हो, […]

बारिश में भी अगर कोई प्यासा दिखाई दे, फिर दूर-दूर तक भी न आशा दिखाई दे…। दिल टूट जाए जिसका वो सावन का क्या करे, उसको तो हर तरफ ही निराशा दिखाई दे…। हमने अगर कहा के जख्मी हो गया जिगर, ये बात भी तो सबको तमाशा दिखाई दे…। दुनिया […]

आज अपना वतन ही बेगाना हुआ, हक़ की खातिर लड़े तो हर्जाना हुआ। नाक नीचे से मुजरिम गुज़र चल गया, घर निरपराध का ही निशाना हुआ। पाक सदियों से जो था सदन अब तलक, आज पाखंडियों का ठिकाना हुआ। मेरे व्रण पर लवण नित छिड़कते रहे, उफ़ ज़रा कर दिया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।