चाहता रहा हूँ मैं

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amit vagarthy

वो बेवफ़ा है उसे क्या सिखा रहा हूँ मैं,
वफ़ा की बात उसे क्यों बता रहा हूँ मैं।

तमाम रात मुझे नींद कैसे आएगी,
तमाम रात यही सोचता रहा हूँ मैं।

वो ख़त जो अपने पते पर कभी नहीं पहुंचे,
उन्हीं बेनाम ख़तों का पता रहा हूँ मैं।

ख़फा-ख़फा-सी रही है ये जिंदगी मुझसे,
ख़फा-ख़फा ही सही चाहता रहा हूँ मैं।

मैं उससे जब भी मिला हूँ ,मिला सलीके से,
ये और बात कि,अक़्सर ख़फा रहा हूँ मैं।

वो एक शख़्स जो सबकी दुआ में है शामिल,
उसी ही शख़्स को बस चाहता रहा हूँ मैं।

                                                                                               #अमित वागर्थ

परिचय : अमित वागर्थ की शिक्षा-एम.ए.(हिन्दी साहित्य),डी.फिल. तथा यूजीसी ‘नेट’ जेआरएफ है। आप पेशे से अध्यापक हैं। जन्म १९८४ में आम्बेडकर नगर में हुआ है।वर्तमान में आपका निवास इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) में है। रचनाओं का प्रकाशन विविध पत्र-पत्रिकाओं में आलोचनात्मक लेख,गीत व ग़ज़लों के रुप में होता है।रेडियो चैनल से ग़ज़ल का प्रसारण हो चुका है।

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।