रथविहीन हूँ हे गिरधर,क्या तारणहार बनोगे तुम। बीच भंवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥ कालिंदी के कुल,कदम्ब की डाल पे बंशी बजाओगे। या चक्र सुदर्शन धार पातकी का संहार बनोगे तुम॥ कोदण्ड उठाकर अब फिर से,क्या दाशरथि तुम आओगे। दसकन्धर के अट्टाहास से क्या मुक्ति दिलवाओगे॥ शर-संधान चाप […]

वैसे दोनों भाई एक दूसरे पर जान छिड़कते थे,पर एक दिन रमेश खेत में मरा मिला,पुलिस आई पंचनामा हुआ।लाश सुरेश छोटे को सौंप दी गई,विधिवत क्रियाकर्म हुआ। कुछ माह बीते पता नहीं चल पाया कि मौत की वजह क्या थी। पुलिस भी नाकाम रही,कुछ वर्ष के अंतराल में छोटा भाई […]

शारदे माँ तारदे माँ,जीवन संवार दे माँ, लेखनी से मेरी माता,देश का विकास हो। गीत लिखूँ जीत के माँ,हँसी-खुशी,प्रीत के माँ, धरती अकाश झूमे,जब मधुमास हो। न रहे गरीब कोई,न बेरोजगार रहे, अंधियारा मिटे और ज्ञान का प्रकाश हो। जाति-पाती बन्धनों में बंधा न ये देश रहे, सबके दिलों में […]

सीमा के बाहर से  दुश्मन, सरहद के  भीतर  गद्दार। दोनों एक हुए हैं मिलकर, इन्हें पठाओ यम के द्वार॥ एक  हाथ  में  पत्थर,दूजे हाथ लिए घातक हथियार। भारत माता को पहनाओ, ऐसे   नरमुंडों   के   हार॥ भरतवंशियों! निंद्रा त्यागो, रक्तबीज का करो सफाय। अब  तो जागो मीत हमारे, […]

मेरे सामने की दुनिया कितनी तेज़ी से बदल रही है, बदल रहे हैं कई शब्द लोप हुए जा रहे हैं कई अर्थ, उग आए हैं कई मुहावरे कंटीली झाड़ियों की तरह। मैं प्यार करता था जिस लड़की से, वो हिन्दू थी सोचा था मैं भी हो जाऊँगा हिन्दू ठीक उसी […]

सूरज और चंदा पढ़ने तो साथ ही जाते थे और साथ ही घर पर भी आते थे,परन्तु चंदा जहाँ घर पर पहुंचते ही घर के कामों में हाथ बँटाना शुरू कर देती,वहीं सूरज अपने सहपाठी बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने चला जाता और देर रात को ही घर पर आता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।