बिखर रहे क्यों देह धर्म से, आत्म धर्म से एक बनो तुम.. परिजन तेरे प्रभु सेवा को, सेवामय सब कार्य करो तुम.. नहीं देह का नाता जग से, श्री हरि से ही सब नाते हैं॥ सभी चराचर प्रभु शरीर हैं, उसके हेतु कार्य करो तुम.. विषम दृष्टि से मत देखो […]

क्यूं कोसते हो उन लम्हों को, वो जिंदगी भी तो आप ही ने जी थी.. क्यूं कहते हो कि मैं मजबूर हूं, वो मजबूरी भी तो अपने सिर आप ही ने ली थी। क्यूं समझते हो उन लम्हों को बैखौफ, उन लम्हों की शुरुआत भी आप ही ने की थी। […]

या कह दो कि नहीं है प्यार। नेह निमंत्रण प्रियवर बोलो, है स्वीकृत या अस्वीकार॥ प्यार करो तो करो……। मचल मचलकर दिल रह जाए, दूरी क्षण भर सही न सही जाए! और परीक्षा कितनी होगी, दारुणदुख प्रिय कितने दोगी? सीधे-सीधे हमसे कह दो, रास न आया मेरा प्यार॥ नेह निमंत्रण […]

पाकिस्तान की आतंकवादी लंका जला दो मोदी जी, कराची के  सीने  में  अब  बम  फुड़वा दो मोदी जी। कब तक खेल चलेगा खूनी  विक्रम और बेताल का, लाहौर  के  सीने  में   आग   लगवा   दो   मोदी जी। माँगे   उजड़ी  है   पत्नी की  राखी  सूनी हो […]

(श्री गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती) मोह  रहे  जनमानस  को,   कह  राम-कथा तुलसी सु विरागी। देव-अदेव  सभी  नत  हैं,    महिमा सुनि  प्रीति सदा उर जागी। राघव-प्रीति  कृपा  करुणा,    बिन जीवित हैं हत आह! अभागी। श्री   हरि   रूप   अनूप   धरे,    हरते  हर  पीर  व्रती  बन […]

1

गूँज उठी कानों में, अजन्मी बेटी की आवाज। एक बार तो बतादो ना, मुझको मारने का राज॥ क्या? खता हुई मुझसे, या हो गई मुझसे नादानी। अपने होकर क्यों? कर रहे, हो मेरी खतम कहानी। हाथ जोड़ विनती करती, सुन लो दिल की आवाज। गूंज उठा कानों में……॥ मैं तुम्हारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।