तेरी यादें ज्यों दरिया है, मैं कोई गोताखोर हूँ। तू इश्क़ है या रब मेरा, तुझे देखता हर ओर हूँ॥ तेरा मिलना ज्यों सावन है, मैं चंचल-सा मोर हूँ। तू सरगम है इक प्यारी-सी, मैं रागयुक्त भोर हूँ ॥ तू खुशबू है कुमुदिनी की, मैं तो पत्तों का शोर हूँ। […]

वो लम्हें बीते हए क्यों मुझे याद आए, कुछ सुहानी हसीन यादें मन को महकाए l वो ख्वाब सतरंगी जो देखते थे हम कभी, उन यादों संग आज हम फिर गुनगुनाए l  वो लम्हें बीते हुए क्यों मुझे…ll  वो बारिसों का पानी और कितनी ही मस्तियाँ, सखियों संग मिल के […]

  तेरे अहसास के आगोश में, सोना भी खूबसूरत सपने जैसा लगता है। रातें भी उनींदी-सी लगती है कि, कोसों दूर भाग गई नींद जैसे… मेरा सुकून मुझसे दगा कर गया , इसकी वाजिब वजह हो तुम… हँस पड़ता हूँ कभी-कभी तुझे याद करके यूँ ही… और कभी खो जाता हूँ, हँसते-हँसते तुझमें। आँखें भी मुझसे धोखा कर गई,तेरा ही अक्स दिखाती है हर किसी में… लगता है तेरा वजूद रमा हुआ है मेरे अस्तित्व में, कि पहचान हो जैसे… एक-दूसरे की हम-तुम। बनी रहे ये पहचान सदियों तलक कि तुम भी मेरे अहसास में खो जाओ, कुछ ऐसा करें आओ, कि हम तुमसे पहचाने जाएँ… `मनु` तुम हमसे जाने  जाओ, तुम हमसे जाने जाओ…ll                                                 […]

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है वेदना गर मेरे मन में, क्यूं धीर बूंदें खो रही हैं। क्यूं जागती हैं मेरे संग में, जबकि वो सुख से सो रही है॥ सावन की ये ठंडी हवा क्यूं, मुझे ज्येष्ठ की लू लग रही है। है मन मेरा विरह अग्नि में तो क्यूं, न लपटें चैन उसका खो रही […]

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दिल में बसा के आपने अहसान कर दिया, दिल का जो पूरा आपने अरमान कर दिया। पाया जो इश्क़ यार का दीवानी हो गई, दुनिया से हमको यार ने अंजान कर दिया। अब और क्या सबूत दूँ मैं अपनी वफ़ाओं का, जीवन ये सारा प्यार पे कुर्बान कर दिया। तूफान […]

बादलों से उनका लगाव था, दामिनी के प्रति उनका झुकाव था, भ्रामरी से वे बातें करती थी, कोयलिया-सी कूक उत्साह भरती थी, तितलियां भी मदमस्त हो उड़ती थी, पास आकर उनके उनसे जुड़ती थी, अचानक , बादलों का मृदंग बजाना बन्द हो गया, दामिनी का कड़कना मन्द हो गया, भ्रामरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।