जिन्दगी की राहों में अगर तू नहीं। तो और चलने की अब जुस्तजू नहीं॥ आहिस्ता से छूना पुराना लिबास हूँ। यादों के सिवा अब बची कोई रफू नहीं॥ अजीब सिरफिरा हो गया है मेरा दिल। हर पल तेरी ही याद पर तेरी आरजू नहीं॥ तेरे शहर के लोग जिसे कह […]
प्रेमचन्द अग्रवाल यूको बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त हैं,जहाँ ये राजभाषा अधिकारी के रूप में हिन्दी कार्यान्वयन से जुड़े रहे। अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी क्षेत्र के महाविद्यालयों और उच्च विद्यालयों में भी हिन्दी सम्बन्धी कार्य करते रहे हैं। इन्होंने हर विषय के प्राध्यापक को हिन्दी के […]