केवल तू  ही  तू कान्हा, दूजी  न आरजू  कान्हा। पूजा करता हूँ तुम्हें बड़े अरमान के साथ, ख्वाहिशें पालता हूँ बड़े अभिमान के साथ। देखो मुझसे कभी तुम भी रूठ जाना नहीं, सोचता हूँ तुम्हें ही निर्दयी सम्मान के साथ॥ ख्वाहिशें पाने की तुम्हें पूरी करो न करो पर, […]

  जिन्दगी नहीं है किसी पतंग से कम, आकर उड़ा लो अगर हो दम-खम। आओ पतंग से जिन्दगी के फलसफे को समझते हैं, बताते हैं उन्हें इसकी रंगत जो इसे बकवास समझते हैं। पतंग में भी होती है जातियां-नर और मादा, ढग्गा या ढांच पाता है पुरूषों-सा मान ज्यादा। तुक्कल […]

मन में पवित्र सोच रखो और दिल के भाव पवित्र रखो, जाति , धर्म के भेदभाव से तुम – सब सदा ही दूर रहो। छोटा कोई नहीं होता और न ही बड़ा कोई होता है, माँ के गर्भ से बाहर आकर तो हर बच्चा ही रोता है। ऊँच-नीच की सोच […]

  फिल्म समीक्षा ‘गौतमी पुत्र शतकर्णी’ फिल्म अखण्ड भारत की कल्पना को साकार करती तेलगु फ़िल्म है,जो हिन्दी में डब होकर आई है। आप सोच रहे होंगे कि,हॉलीवुड से बॉलीवुड तक पढ़ा जा सकता है लेकिन टॉलीवुड भी,इसकी वजह है इंदौर के कलाकार और शूटिंग लोकेशन महेश्वर होना। इस तेलगु […]

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(प्रेमचंद जयंती पर विशेष) प्रेमचंद के पुनर्पाठ की आवश्यकता आज के संदर्भों में की जानी चाहिए;ये बात सही है,लेकिन आज की स्थितियाँ बहुत से क्षेत्र में मानवीय और भौतिक विकास करने की सोच की दिशा और प्रयत्नों में बदल चुकी हैं। आज पहले से भी अधिक कारगर शोषण के हथियार […]

जब कभी मन उचटता है, तो  प्रेमचंद  याद आते हैं। कहीं हमीद-होरी बनकर तो, कहीं जुम्मन में दिख जाते हैं॥ संवेदना को शब्द देकर गोदान, कफ़न,गबन, नमक का दरोगा। दो बैलों की कथा व्यथित मन, को सामाजिक खुराक दे जाते हैं॥ कलम का सिपाही बन प्रेमचंद, समाज को आईना दिखाने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।