केवल तू ही तू कान्हा, दूजी न आरजू कान्हा। पूजा करता हूँ तुम्हें बड़े अरमान के साथ, ख्वाहिशें पालता हूँ बड़े अभिमान के साथ। देखो मुझसे कभी तुम भी रूठ जाना नहीं, सोचता हूँ तुम्हें ही निर्दयी सम्मान के साथ॥ ख्वाहिशें पाने की तुम्हें पूरी करो न करो पर, […]