एक पहेली स्त्री…, जलाया स्वयं को जिसने जग उज्जवल किया चन्द्रकलां की भाँति वही तो है उस दीपक की बाती l सैंतकर स्वयं में जिसने तुम्हें तुमको दिया l वही तो है, कोख भीतर जिसके तुमने वस्त्रहीन कुछ पल जिया l चंद्रप्रभा से निर्मित, जिसके आंचल शीतल वही तो है, […]