देश की आन होते हैं,देश की शान होते हैं, गुणों की खान होते हैं,वीरता गान होते हैंl सजाते भारती माँ को,हैं सैनिक खून-पसीने से, बसे दिन-रात सीमा पर,त्याग वलिदान होते हैं। कभी आँधी में चलते हैं, कभी तूफां में चलते हैं, सभी मौसम में ढलते हैं, तोप गोलों से जलते […]

मैं केवल कोशिश करता हूँ धर्म  मार्ग पर  चलने  की, मैं केवल कोशिश करता हूँ दुखियों के दुःख हरने की। मेरी कोशिश सदा यही कि, मुझसे  सकल जहां  हँसे, मैं केवल कोशिश करता हूँ रवि की भांति विचरने की ll    मैं केवल कोशिश करता हूँ नित्य नया कुछ कर […]

चुम्बन लिया है जब से तेरा, सीखी है प्रीत की नई परिभाषा l रूह से रूह का मिलन हुआ है, बढ़ी है जीने की अभिलाषा…l अंधेरी रातें रोशन होंगी, अपने इश्क़ के उजियारे से l कस के थामेंगे हाथ ऐसे, जो कभी न छूटे तूफानों में…l एक दूसरे में खोकर […]

मैं जातक हूँ हिन्दुस्तां का, है वतन मेरा साकी भारत। माँ-बाप ने दे जन्म जहाँ, सब गुण सिखला जहाँ तहां के। बन गुरू ज्ञान का पाठ दिया, बतलाए पथ सब जनता के। उस देश के हैं पर देशी सब, बन ताकत मित्र सहायक जो। हर पग पर राह दिखाते हैं, […]

ख़ामोशी भी क्या गजब ढाने लगी। लब है चुप पर आँखें चिल्लाने लगी॥ है हवाओं में घुला कैसा जहर। साँस चलने से भी घबराने लगी॥ ज़ुल्म भी अब आ चुका अंजाम तक। सिसकियाँ अब ज़ोर दिखलाने लगी॥ आँखों से तेरी जो कुछ बूँदें गिरी। बन लहर वो मुझ से टकराने […]

बंधन प्यार का स्वीकार कीजिए, एक दूजे को सदा प्यार कीजिए। छोड़ो भी जाति धर्म की लड़ाई, किसी का न तिरस्कार कीजिए। वंदन दिलों के रिश्ते दिलों से जोड़ लो, न टूटे भरोसा ऐतबार कीजिए। मान करो सदा सम्मान करो, इज्जत न किसी की तार-तार कीजिए। बिखेर कर खुशियां बनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।