काली-काली घटाएँ, झूमकर यूँ लहरा गईं ज्यों तेरी नागिन-सी लहराती बलखाती जुल्फ औ’ अलक आसमां के दामन से, बूंदन का टपकना ज्यों काली कजरारी अँखियन से अँसूअन से मोती घन गर्जन बीच दामिनी चमके ज्यूं रक्तिम अधर बीच मोतियन की पांत॥                   […]

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मनहरण घनाक्षरी…… उस नेता को भुला के नेता सभी कहते हैं, कैसे याद करुं उसे,हमें भी तो सोना था। भारती करे विलाप, शहीदों की लाश पर, मंत्रियों की लाश बिछे, उस पे क्या रोना था॥ सोई जनता के स्वाभिमान को जगाता गया, देशभक्त एक-एक सुभाष-सा होना था। युद्ध अपराधी जिसे […]

हरिगीतिका छंद…. अवधेश  आत्म  विराज  के, मन को सदा रख धाम-सा। जड़  को  सजीव  बनाय के, चलना  सही  पथ राम-सा। उर  में  अलौकिक  भाव  हो, जिससे  बनूँ  हनुमान-सा। जग  में   निरंतर   गूँजता, प्रभु नाम ही  प्रतिमान-सा॥                         […]

कुछ रंग मेरी तस्वीर में, जो तुमने भरे थे सिर्फ वही तो मेरे, जीवन के सिले थे। कभी आसमानी कभी बादल के घनघोर किले, कभी तारों की टिम-टिम से, करते इन नैनों की भौर तले..॥ कहीं हम-तुम संग चले थे, कुछ रंग मेरी तस्वीर में जो तुमने भरे थे…। कभी […]

प्रो. देविदास प्रभु….. बेंगलुरु में जो हिन्दी का विरोध हुआ है,उसका कारण अंग्रेजी पंडितों द्वारा किया जा रहा झूठा प्रचार हैl अंग्रेजी पंडित कहते हैं-`हिन्द राष्ट्र भाषा नहीं है,२२ राजभाषाओं में से एक है,संविधान ने सभी भाषाओं को बराबर का दर्जा दिया है,मगर संविधान के विरुद्ध एक भाषा हिन्दी को […]

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हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार, ले विश्वास मैं दौड़ा आया कब से खड़ा हूँ तेरो द्वार l हे प्रभु मोहि…………..ll ले लो शरण अपने रज बीच, दे दो मोहि सुखधाम जनम-जनम की बिगड़ी बना दो, कर सुख-दुख एक समान l हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार ll […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।