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ये आशिकी जो दुनिया को पाक़सार लगती है, वही मुहब्बत खंजर-सी,मेरे दिल पर धारदार लगती है। मेरे अश्कों में नजर आती हैं, खूँ की रंगत, ये बारिश भी मुझे अब उमसदार लगती है। राहें तकना भी छोड़ दी है,मैंने उसकी, क्योंकि हालत अब मुझे खुद की लाचार लगती है। हटाओ,ले […]

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सुनो न मेरी प्यारी माँ, मुझे दूर न तुझसे जाना। कितना प्यारा था वो बचपन, जब नींद को गोद और सिर पर हाथ मिल जाता था, सब कुछ भुलाकर सीने से तेरे लग जाता था, माँ आगे बढ़ने की है चाहत पर, मुझे दूर न तुझसे जाना, माँ तूने दिया […]

विधा- हाइकु… घर से चला अपनों की चाह में मुसाफिर हूँ। निकल चला सपनों की चाह में मुसाफिर हूँ। चल पड़ा हूँ घर से भटकता दर-बदर। तलाशता हूँ यहाँ से वहाँ तुम्हें मुसाफिर हूँ। इस कदर चलता रहता हूँ दर-बदर। धीरे-धीरे ही चलता रहता हूँ ये मेरा काम। न मेरा […]

बाइस अगस्त सत्रह का दिन, सखी ऐतिहासिक व नारीत्व का रक्षक हो गया। पिसती हुई एक आबादी की जिन्दगी सँवर गई। पुरातन पुरुषवादी संकीर्ण एक सोच से आज नारी मुक्त हो गई। ईद का त्योहार आज सब हैं मना रहीं। उनके संग हम भी दिवाली मना रहे। नारी तो है […]

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जब तुम कहते हो मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मुझे लगता है मेरा ख्याल करते हो। जब भी मेरी कमी महसूस करते हो, मुझे लगता है मेरा ख्याल करते हो। जब कभी यूं ही मेरा हाथ चुपके से, थामकर हल्के से दबा लेते हो मुझे लगता है मेरा ख्याल करते […]

कितने भी हों हालात बुरे,फिर भी इज़्जत से जी सकता, सम्मान मिले गर लोगों से,तो चाक ज़िगर भी सी सकता। अपमानित होकर जीना भी, जीना है इस दुनिया में, खुद्दारी जिसके रक्त में हो, अपमान का घूंट न पी सकता॥                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।