अथाह समन्दर, मैं बूँद छोटी, अपने वजूद को कैसे बचाती, स्वाति नक्षत्र की बूँद जैसे, सीप में गिरकर मोती बन पाती ? ना चाहा कभी समन्दर में गिरूंगी, सागर में मिल समंदर बनूँगी, काश गिरती किसी नदी ताल में, किसी प्यासे की प्यास बुझाती। […]
सदी की घड़ी में रुक गया तलाक, सुप्रीम कहे कानूनी नहीं है तलाक। तलाक को किया गया तोड़ मरोड़, ख़ुश हो गई महिला नौ करोड़। सुशील है देश के प्रधानमंत्री मोदी, तलाक के लिए कानूनी राह सोधी। देश में मुसलमान हो या फिर ख़ान, कानून तलाक से आ गई […]
धुंध के मुझे पार है जाना। है प्रकाश बन के लहराना॥ फैला है जो धुंआ, अंधेरा। उस पर बनना मुझे सबेरा॥ हैं ये अज्ञान की जो। ज्ञान की राहें रोके है॥ आएगा जब नया सबेरा। ज्ञान सूर्य चमकाने को॥ दूर होगा तम का डेरा। प्रकाश किरण पाने को॥ आधारशिला शिक्षा […]
हमें तो बस वंश वृद्धि के लिए, एक बेटा चाहिए। विवाह के अवसर पर, अच्छे-खासे दहेज के लिए, बिटिया नहीं, हमें तो बस बेटा चाहिए। उसकी शादी में, बहू के माता-पिता से, नकद रकम, और घर-बंगला,कार चाहिए. हमें तो बस बेटा चाहिए। हे मनुज, जरा विचार कर, बहू आने पर,जो […]
है तीन तलाक असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया। दकियानुसी कठमुल्लाओं के, मुंह पर खींच तमाचा जड़ दिया॥ इस्लाम की धौंस दिखाकर, महिलाओं पर अत्याचार किया। जो सब कुछ लुटाया था तुम पर, उनको ही बेघरबार किया॥ और हलाला का हवाला देकर, उनको जलील तुम करते थे। शरीयत को ढाल […]
इंसानियत पर हैवानियत भारी, आँखें मूंदकर देख रही दुनिया सारी, ये लड़ाई,झगड़े,हत्या,दंगा, सब कुछ बड़ा ही गंदा होता है। सारी दुनियाँ जानती है, ये कानून बड़ा ही अंधा होता है॥ झूठे किस्से,झूठी कसम, झूठे फैसलों वाला विधि बेशरम, बच जाते हैं वो कातिल, जिनका हाथ खून से रंगा होता है। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।