दो नैन जब चार हो जाते हैं,
ख्वाबों में अक्सर वो अाते हैंl
कुछ भी याद नहीं रहता तब,
जब दिल आपस में मिल जाते हैंll
सुबह से जगकर शाम तक वो,
एक भी न काम कभी कर पाते हैंl
चुपचाप सुनते हैं बातें वो सबकी,
न ही किसी को जवाब दे पाते हैंll
मन में क्या है उनके,कह नहीं पाते हैं,
कुछ करना होता है कुछ कर जाते हैंl
ये जमाने वाले दिल की क्या समझेंगे,
जो प्रेम की परिभाषा गलत बताते हैंll
कुछ दिनों बाद अनुबन्ध टूट सब जाते हैं,
तन्हा होकर जीवन को वो अपने बिताते हैंl
इसे ही तो ‘ललित’ प्यार कहकर बुलाते हैं,
इसी को सब अलग-अलग तरह सुनाते हैंll
#ललित सिंह
परिचय :ललित सिंह रायबरेली (उत्तरप्रदेश) में रहते हैं l आप वर्तमान में बीएससी में पढ़ने के साथ ही लेखन भी कर रहे हैंl आपको श्रृंगार विधा में लिखना अधिक पसंद है l स्थानीय पत्रिकाओं में आपकी कुछ रचना छपी है l
Nice
Thanks sir