हे प्रियतमा! मैं कैसे कहूँ, कुछ कहूँ या चुप रहूँ। मैं चाहता हूँ कि, मैं कृष्ण बनूँ तुम राधा बनो, मैं राम बनूँ तुम सीता बनो, मैं रांझा बनूँ, तुम हीर बनो… लेकिन! उलझन में हूँ, कि, कहीं! तुम्हें खो न दूँ, क्योंकि? कृष्ण का प्यार, राम का प्यार […]
जग में जिससे आशाओं की, किरणें होती हैं जगमग है जगजननी धरा में वह, सर्वत्र पूजते उसके पग। शिक्षा के दीपक से ही, उजियारा जीवन कर दो बेटा-बेटी भेद न करना, सपनों के संसार में मुझको पंख लगाकर उड़ने दो, पवित्र रिश्तों के बंधन को, संजोए हूँ मैं पग-पग। जग […]
साँसों में मन्द सौरभ भरकर, लुक-छिपकर चलते हो क्यों? हे,लाज भरे सौंदर्य बता दो, ‘मौन’ बने रहते हो क्यों ? पूर्ण चंद्र की धवल चांदनी, अदृश्य बने रहते हो क्यों? पंथ आपका निर्बाध,फिर, कदम पीछे हटाते हो […]
वो तीनों समाज की प्रतिष्ठित महिलाएं थी। सम्भ्रांत और आदर्श परिवार की मुख्य महिलाएं। समाज और परिवार में परिचित और आदरणीय। समाज के हर खुशी और गमी के कार्यक्रम में शामिल होती। तीनों की दोस्ती जगप्रसिद्ध थी। समाज की किसी भी बैठक में,कार्यक्रम में हमेशा सुझाव दिया करती और समाज […]
वृक्ष की शान पे हमेशा मुस्कराई पत्ती। द्रवित हुई विछड़ कर वृक्ष से गिरी पत्ती।। हवा ने भी खूब इधर-उधर नचाई पत्ती। हाल पर अपने विचलित छटपटाई पत्ती।। तभी वृक्ष ने वहीं से आस जगाई उसकी। थी अभी तक मेरा जीवन आधार तू पत्ती।। व्यर्थ न जीवन अब भी,तू […]
रास के रचइया मोरे कृष्ण कन्हइया हो, मधुवन में ले के चल एक झुण्ड गइया होl झूमी-झूमी खेलल जाई उहाँ ओल्हा-पाती, खेलत-खेलत में होई जाई आधी रातीl खोजत-खोजत अइहें यसोमती मइया हो, मधुवन में ले के चल एक झुण्ड गइया होl रास के रचइया मोरे कृष्ण कन्हइया हो, मधुवन में […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।