जब कभी आता है बादल, दिल को हर्षाता है बादलl कोयल चकवा हर्षाते हैं, मोर नचवाता है बादलll धरती सूखी करे पुकार, कर वर्षा करें उपकारl आज मेंढक भी टर्राते हैं, प्रकृति नया करे श्रृंगारll मयूर हो गया है पागल, जब कभी आता है बादलl तन गोरी अंगड़ाई आती, बादल […]

एक दिन फरियाद मेरी सुनकर प्रकट हुए भगवान, बोले मांग अपनी मर्ज़ी की एक चीज ऐ इंसान। बहुत हुआ मैं खुश,लगा सोचने क्या माँगूं जो कर दे मेरी ज़िंदगी आसान, याद आए कुछ अधूरे सपने,पूरा करने के थे जिनके अरमान। पैसा,कार या बंगला? क्या माँगूं जो पाकर मैं बन जाऊं […]

न किसी से कुछ कह सकती, न किसी से कुछ बता सकती। काश़ ! आवाज दी होती परमात्मा ने, तब, कुछ तो दर्द बयाँ कर पाती। भर जाता दूध जब गाय के स्तन में, पुकारती बछड़े को अपने,लगा लेती थन में। वह रमाती,हुँकारती,अपने बछड़े को निहारती, बछड़ा भूखा होगा,सोचकर उसे […]

किसी के चाहने से कब कोई भी काम होता है, यहाँ जो त्याग करता है, उसी का नाम होता है…। यहाँ संसार में सबको विषय भोगों ने तड़पाया, जो चारों दान करता है, उसे आराम होता है…। अभय का दान परभव के दुखों का नाश कर देता, शास्त्रों के दान […]

चाँद, चाँद में दाग आकर्षण का केन्द्र दे शीतलता। बूंद, पानी की बूंद बूंद-बूंद बचाओ जल अमृत। नभ, सूर्य उदित धरती प्रकाशित नभ का राजा। वसंत, धरा सजी है मधुमय वसंत मस्त पवन।                                   […]

रहे पल्लवित-पुष्पित यह, राष्ट्र जीवन की  फुलवारी। विविध प्रान्त हैं सुमन मनोहर, खुशबू है सबकी न्यारी॥ भाषाएँ कई रम्य मनोरम, बोलियाँ कई यहाँ अनुपम। छह रितुएँ धर्म सात संग, है कहीं नहीं ऐसा दम-खम॥ फूटी सभ्यता किरण यहीं, जगे हम फिर जगत जागा। धर्म ज्ञान विज्ञान कला में, नित बढ़ते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।