तेरे संग में जुड़ा है मेरा नाम, न करना कभी ऐसा कोई काम… हो जाऊं मैं सारे जग में बदनाम, मेरे नाम से ही है मेरी पहचान। तेरे संग में जुड़ा है…॥ बस रखना इतना तू ध्यान, टूट न जाएं मेरे अरमान… न करना अपने पर अभिमान। तेरे संग में […]

मिलन तो हो ठीक है,मिलन की तो कल्पना ही बड़ी सुखद है , और बिछोह तो ठीक,बिछोह की कल्पना ही दुखद है। मिलन हर कोई चाहता है,बिछोह कोई नहीं, पर विडम्बना तो देखो,दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक दूसरे के साथ ही चलते हैं, एक सुख और दूसरा दुख […]

  हे जननी हे जनक दुलारे, गुरुवर के पद पंकज प्यारे। वंदऊँ प्रभुपद बारम्बारा, व्योम धरा पुनि सब संसारा। क्षिति जल पावक गगन समीरा, पंचरतन मिल बना शरीरा। चल निश्चल सब एकहि जाना, उर स्पंदन स्वास समाना। भानु शशी अरु नखत सकारे, मन मंदिर के रतन हमारे। जल-जंगल सह पर्वत […]

2

आरुषि और अारव दोनों ही अपने बच्चों के साथ खुशहाल जिन्दगी जी रहे थे। अचानक से आरव का तबादला उसके पैतृक गाँव में ही हो गया,जहाँ आरव के बूढ़े माँ-बाप रहते हैं। पहले तो इस खबर ने आरुषि के मन को कचोटा,क्योंकि वो उसकी बेटी सिनी और बेटे सार्थक को […]

  मुद्दा-न्याय में मुद्दे की भाषा का महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में विधि क्षेत्र के महानुभावों के बीच में उच्च और सर्वोच्च न्यायालयों में अपील करने वालों की भाषा में फ़ैसला देने की बात कही थी,जो सच्चे अर्थों में न्याय के हित में है। सवाल राष्ट्रपति की भावना […]

1

`इंडिया गेट` की `खिचड़ी` चुनाव प्रेरित है। गुजरात और हिमाचल में नेता खिचड़ी पका रहे हैं,उससे प्रतिस्‍पर्धा करने के लिए इंडिया गेट पर ये खिचड़ी पकाई जा रही है। दिल्‍ली में खिचड़ी से ज्‍यादा रायते का महत्‍व है। चुनावी खिचड़ी की लोकप्रियता देखकर ही इंडिया गेट पर कुछ रसोइयों  ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।