जिंदगी खुली किताब की तरह है। विचारों में जरा खुलापन रखिए॥ रिश्ते यूँ ही नहीं बनते जिंदगी में। इनमें थोड़ा तो अपनापन रखिए॥ खुशबू की तरह महकते रहो। हर गरीब के काम आते रहो॥ रोशन करो झोपड़ी उनकी। फिर खुशी से चहकते रहो॥ भगवान ने कितने सुन्दर चरित्र किए। हर […]

लोगों के दिल छोटे और घर बड़े हो गए, बड़ा कमाल हुआ इस सदी में विजय, कपड़े छोटे और सपने बड़े हो गए। कमाई थी खुशियां जिनके लिए हमने, सियासी जंग में वो सामने खड़े हो गए। कमाए थे अपनों की खातिर जो सिक्के, कागज के वो टुकड़े रिश्तों से […]

वतन का रूप बदलेगा कभी,मुझको नहीं लगता, चमन खुशबू से महकेगा कभी,मुझको नहीं लगता। खिलेंगे फूल खुशियों के गरीबों के भी जीवन में, अब ऐसा सूरज निकलेगा कभी,मुझको नहीं लगता। दिनों-दिन जिस कदर अपने में बढ़ती जा रही महंगाई, चने का भाव उतरेगा कभी,मुझको नहीं लगता। गगन के चांद को […]

है मेरा राम को वन्दन, मिरा रहमान को वन्दन। जिन्हें भाते थे राधाकृष्ण, उस रसखान को वन्दन॥ सदा ही सत्य शुचिता की, बनी पहचान है भारत, करूं मैं हर समय इस, जगत की पहचान का वन्दन॥                             […]

फिक्र है किस बात की सब राम तुम्हें देंगे, चरणों में रखो आसरा आराम तुम्हें देंगे। सांसों की माला में बस राम नाम हो, खुशियों से भरी सदा सुबह-शाम तुम्हें देंगे। जीवन की दौड़ में भी हों राम स्मरण, भवसिन्धु बेड़ा पार कर विश्राम तुम्हें देंगे। हर क्षण करे प्रार्थना […]

तसव्वुर में छिपा लेंगे तुम्हारी दोस्ती को हम, न्यौछावर इस पे कर देंगे हमारी जिंदगी को हम। तुम्हारे साथ का अहसास नामुमकिन है भुलाना, भले ही भूल जाएं उस खुदा की बंदगी को हम। बनावट और नकलीपन कभी भाया नहीं हमको, बहुत सम्मान देते हैं तुम्हारी सादगी को हम। तुम्हारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।