पेट की ज्वाला उसकी मजबूरी है, जीने की तृष्णा ने उसे यूं आसक्त कर रखा है कि वह जीने के लिए रोज मर रही है, मरने को हर दिन संवर रही है। खुद को जिंदा रखने को, वह भोग बन गई है। अरमानों का रंग चढ़ाने को, मुर्दों-सी तन गई […]

अन्याय जब हद से बढ़ जाए, बेईमानी सर पे चढ़ जाए। समाज में निज मान पाने को, जो अपने हक पे लड़ जाए। आज है जिसकी आवश्यकता, वो है,वो है कानूनी साक्षरता॥ न्याय सभी के लिए,चाहे अज्ञानी निर्धन, बिन इसके कैसे ? हो सुरक्षित जनजीवन। सही न्याय मिले,शीघ्र न्याय मिले, […]

लोकतंत्र की माँग है,सकल देश हो एक, जनप्रतिनिधि सेवक बने,जाग्रत रखें विवेक। जनसेवक को क्यों मिले,नेता भत्ता आज, आम आदमी बन रहे,क्यों आती है लाज ? दल-दलबंदी बंद हो,हो न व्यर्थ तकरार, राष्ट्रीय सरकार हो,संसद जिम्मेदार। देश एक है,प्रान्त हैं,अलग-अलग पर संग, भाषा-भूषा-सभ्यता,भिन्न न दिल हैं तंग। निर्वाचन हो दल […]

(श्रीमदभागवदगीता के द्वितीय अध्याय ‘सांख्य योग’ का काव्यात्मक भावानुवाद) हे अर्जुन ! क्यों बैठे हो डरकर ? मोह-माया में फँसकर, कौन है तेरा अपना,कौन है पराया ? सबको एक दिन जाना है,जो भी यहाँ आया, तेरे उत्सुक नयनों पर,अज्ञान का पर्दा छाया। तोड़ दो मोहमय बन्धन। क्षण भर का है […]

जन्म से लेकर युवा होने तक, पालना होती बच्चों कीl खुद गीले में,बच्चे सूखे, माँ सुलाती बच्चों कीl छींक भी आए दुलारे को, माँ घबराती बच्चों कीl उसके बच्चे खुशहाल रहें, माँ दुआएं करती बच्चों कीl पर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, पैरों पर अपने खड़े हो जाते हैं… […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।