जाने अमृत होगा या कि गरल होगा। जाने कैसा आने वाला कल होगा॥ वर्तमान ही जीने का सम्बल होता। निर्णय समय करेगा वही अटल होगा॥ है प्रयास करना ही जब अपने वश में। व्यर्थ न सोचें,उसका कैसा फल होगा॥ देखो स्वप्न सुनहरे कितने ही लेकिन। कर्म नहीं यदि किया,स्वयं से […]

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माँ को सूली पे चढ़ा रख़ा है,देखो किसने।                                                        अपनी कोख से जिसे जन्म दिया है उसने॥ नहीं याद रहा कोई भी ऋण माँ […]

मुगलों की गलती का एक-एक अक्षर साफ किया था सुन, सत्रह बार मुहम्मद गोरी हमने माफ किया था सुन। कुछ फिल्मों से बुलंदियां पाकर तू मद में फूल गया, खिलजी को बतला महान माँ पद्मा का जौहर भूल गया। तुम वीरों-वीरांगनाओं की तुलना करने बैठे हो, झूठ को बतलाकर सच […]

आते हैं जब इस दुनिया में हम, कितने सहज,सौम्य और निश्छल होते हैं। धीरे-धीरे होते हैं प्रभावित और अपनाने लगते हैं, उस वातावरण को,जो कराता है हमसे मनमानी, बनाता है क्रमशः हमको मगरूर। सिखाने लगता है दुनियादारी और, बोने लगता है मन में हमारे बीज मगरूरता के, करते रहने को […]

इंकलाब लिखने की चाहत फिर से अब जाग रही है मेरी। सुला रखा था जिसने,नींद वो अब भाग रही है मेरीll तम की काल कोठरी से धीरे-धीरे निकल रहा हूँ मैं।                                        […]

भूलकर वो अपने संस्कार सारे, अब तहजीब टाँगने लगे… जितने शरीफ लोग थे कल तक, वो भी अब सीमा लाँघने लगेl तासीर अब ये क्या हो गई, इस ज़माने की यारों… जिस बेटी ने छोड़ा, परायों के लिए घर अपना… कुछ बेवकूफ उसकी भी कीमत माँगने लगेll       […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।