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ओढ़कर श्याम के रंग की ओढ़नी इस कदर आज मीरा दिवानी हुई, भूलकर वो जहां प्रीत की रीत में प्रेम की एक पावन कहानी हुईl छोड़कर महल,त्याग सब कुछ दिया प्रीत की डोर से बाँध उसको लिया, बोल मीठे हुए खुद हुई बाँसुरी श्याम के प्रेम में बस रहे आतुरी, […]

नई  सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगें। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ खेत की माटी बोल रही, ओ कर्मवीर उठ जाओ। प्राणों में हुंकार भरो, श्रम की फसल उगाओ। समुद्र में लहरें उठ रहीं कर्म दीप जलेंगे। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ जीत उसे हासिल होती, जो आशा-बल […]

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कि एक अजीब रिश्ता है वो, जो कभी जुड़ता नहीं,न मिटता है। यूं तो वो दोनों एक ही है, पर कोई सच तो उनकी आंखों में छिपता है। हां माना कि,हुस्न की शहजादी नहीं है वो, पर उसके चेहरे से महबूब के लिए बेतहाशा नूर झलकता हैै। हां माना कि,दिल […]

चूल्हा भी धू-धू करे, जलने के लिए। दिल भी शुकुर-शुकुर करे, धड़कने के लिए॥ पक्षी भी फुर्र-फुर्र करे, उड़ने के लिए। साँसें भी हुकुर-हुकुर करें, चलने के लिए॥ मेरा मन भी फुसुर-फुसुर करे, तुझे प्यार करने के लिए। आ गुटर-गूँ करें, दोनों मिलने के लिए॥           […]

दिल के रिश्ते जब हिसाब करते हैं, हर दिन हर उत्सव उदास करते हैं। समय की धारा जब विपरीत बहती, तो आँखों से आँसू सवाल करते हैं॥ करूण वेदना से प्लावित दो ह्रदय, अन्तर्मन की पीड़ा का जवाब भरते हैं। अनसुलझे सम्बन्धों की गुत्थी को, बार-बार सुलझाने का प्रयास करते […]

चलते-चलते थक गए थे पाँव, दिख नहीं पाई कहीं दरख्त की छाँव रोजी-रोटी की तलाश में, छोड़ आया था गाँव पर मिल कहाँ पाया, कोई रहने का ठाँव पड़ोस के दीनू काका, के कहने पर ही तो आ गया था महानगर में, औकात से कुछ अधिक कमाने की कामना में, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।