परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला हरिश्चन्द्रपुर(पूर्णियाँ) की निवासी हैं।
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चूल्हा भी धू-धू करे,
जलने के लिए।
दिल भी शुकुर-शुकुर करे,
धड़कने के लिए॥
पक्षी भी फुर्र-फुर्र करे,
उड़ने के लिए।
साँसें भी हुकुर-हुकुर करें,
चलने के लिए॥
मेरा मन भी फुसुर-फुसुर करे,
तुझे प्यार करने के लिए।
आ गुटर-गूँ करें,
दोनों मिलने के लिए॥
#कुमारी अर्चना
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