अंत अगर पहले लिख जाए, समय निकट अहसास कराए जीवन पथ में सृजन करें कुछ, जो सकारात्मक राह दिखाए। चहुँओर जब अंधकार घिरा हो, बचपन व्याकुल मचल रहा ह शिक्षा के तब दीप जलाकर, बचपन को नई राह बताएं। सब कुछ पाने के चक्कर में, क्यों कुछ के सुख को […]

मेरी जीत में मेरे दुश्मनों का भी बड़ा हाथ रहा, वो खाईयां खोदता रहा मैं पहाड़ चढ़ता गया, उसके पास ईर्ष्या की कुदाली थी मेरे पास हौंसलों के पंख। मैं बढ़ता गया वह देखता रहा, जब मैं लौटा आसमां की बुलंदियां छूकर, एक हाथ में सूरज और एक हाथ में […]

सर्व कल्याण की कामना कीजिए, खुश रहें सब सदा ये दुआ कीजिए। मुश्किलें राह में हों हज़ारों मगर, फ़र्ज अपना हमेशा अदा कीजिए॥ पास हो आप तो पास है ज़िन्दगी, वाह क्या खूब अहसास है ज़िन्दगी। आपने हाथ थामा हमें यूँ लगा, खास है खास है खास है ज़िन्दगी॥ दिल […]

`साहब` किसी भी प्रजाति का हो,साहब ही होता है। साहब की कई प्रजातियां होती हैं। साहब को साहब मानने का एक ही आधार है। साहब का एक पी.ए.(निज सहायक) हो। बिना पी.ए. साहब नहीं होता,और साहब के बिना पी.ए. नहीं हो सकटा है। इसमें एक फजीहत है। जिस तरह अस्पतालों […]

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माता-पिता के गुजर जाने से, घर को संभाल रही बेटियाँ। कांधा देकर-अग्निदाह करके, संस्कृति निभा रही बेटियाँ l बेटों के बिना बेटा बन के, लोगों को दिखला रही बेटियाँ। वेशभूषा से पहचान मुश्किल, कहते हैं कि बेटे हैं या बेटियाँ। वाहन चलाने से डरती थी, हवाई जहाज उड़ा रही बेटियाँ […]

बेटी जवान, सिर का बनी बोझ दूल्हे की खोजl बेटा जवान, लाचार मम्मी-पापा हाय! बुढ़ापाl हे भगवान! किसान परेशान सिसके धान। गुलाब खिला, जीवन में महका मिट्टी में मिला। फूल महके, खग कूल चहके मन बहके। जलवे जले, जला जल-जीवन पापी तपन। धूप के तीर, नीर-तरु के तरे वर्षा से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।