वर्तमान में बच्चों के भारी होते बस्तों से सभी त्रस्त हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा और सबसे आगे रहने की चाह में खुलकर कोई भी इसका विरोध नहीं करता हैl न ही खुद से कोई पहल ही करता है,क्योंकि बदले समय के लिहाज से अब यह आवश्यक लगता है। डिजिटल युग में […]
जिस तरह हंसना-रोना,मुस्कुराना,खुश होना,उदास होना,प्यार- दुलार,ग़ुस्सा किसी इंसान के जीवन का अहम हिस्सा होते हैं,वैसे ही डर भी दिल और दिमाग का अविभाज्य अंग हैl यानी प्यार पर फिल्में बनाकर सैकड़ों बार बेची गई,वैसे ही बॉलीवुड से हॉलीवुड यहां तक कि,टॉलीवुड में भी हॉरर फिल्में बनाई गई और दर्शकों तक परोसी ओर […]