••••प्यारी माँ, खत में क्या लिखूँ ? कैसे लिखूँ कब लिखूँ ! किसके लिए लिखूँ सोंचती रही बहुत देर तक जिन्दगी तेरे लिए, या दोस्तों के लिए या देश या समाज के नाम, या अपने आदरणीय गुरूजनों के लिए, और भी बहुत कुछ याद आया बहुत सोचा, पर कुछ समझ […]

परिदृश्य चाहे वैश्विक हो,राष्ट्रीय हो,सामाजिक हो या पारिवारिक हो-कुछ भी करने से पहले यह प्रश्न हमेशा सालता है कि-`लोग क्या कहेंगे ?` उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी और इसका हमारे मूल्यों,सिद्धान्तों और जीवन पर क्या असर पड़ेगा! चिन्तन का पहलू यह होना चाहिए-हमको लोगों के कहने की कितनी परवाह करना चाहिए,क्योंकि […]

  जिन सैनिकों के भरोसे पूरे वतन की रक्षा की जिम्मेदारी हो,वो ही जवान अवसाद में आकर अपने साथी जवानों की हत्या कर रहे हैं,तो इससे वीभत्स एवं चिंताजनक स्थिति ओर कुछ नहीं हो सकती है। थोड़े दिन पहले एक सैनिक द्वारा घटिया खाने की शिकायत का एक वीडियो वायरल हुआ था,और […]

भाषा- हम लोग सोचना प्रारंभ कर सकें इसके लिए माध्यम के रूप में एक भाषा का होना आवश्यक है। यह स्पष्ट है कि अंग्रेज़ी वह भाषा नहीं है जिसमें हमारा देश चिन्तन कर सके। पिछले चुनाव में यह बात सामने आई कि देश में चुनाव लड़ने की भाषा व्यापक रूप […]

   आज रमेश बड़ा उदास नज़र आ रहा है। उसकी आँखों में बड़ी सोच है। वह बड़ा अधिकारी बनना चाहता है,मगर घर की गरीबी उसके हर सपने को तोड़ देती है।   अचानक उसके पास एक लाल रंग की बोलेरो गाड़ी आकर रुकती है। उसमें से तीन व्यक्ति उतरते हैं। […]

प्यार में उम्र का अनुभव सब कुछ सिखा देता है, जीवन में किसी का प्यार भी बहुत कुछ सिखा देता है। पत्नी का प्यार सच्चा श्रेष्ठ निस्वार्थ अपनापन भरा होता है, प्यार तो बस प्यार होता है जब किसी से होता है। बहुत ही प्यारा लगता है प्यार का नशा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।