••••प्यारी माँ, खत में क्या लिखूँ ? कैसे लिखूँ कब लिखूँ ! किसके लिए लिखूँ सोंचती रही बहुत देर तक जिन्दगी तेरे लिए, या दोस्तों के लिए या देश या समाज के नाम, या अपने आदरणीय गुरूजनों के लिए, और भी बहुत कुछ याद आया बहुत सोचा, पर कुछ समझ […]
परिदृश्य चाहे वैश्विक हो,राष्ट्रीय हो,सामाजिक हो या पारिवारिक हो-कुछ भी करने से पहले यह प्रश्न हमेशा सालता है कि-`लोग क्या कहेंगे ?` उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी और इसका हमारे मूल्यों,सिद्धान्तों और जीवन पर क्या असर पड़ेगा! चिन्तन का पहलू यह होना चाहिए-हमको लोगों के कहने की कितनी परवाह करना चाहिए,क्योंकि […]