आम आदमी के अच्छे दिन ला दिए वो पुराने वाले दिन याद सबको दिला दिए वाह वाह मोदी जी अच्छे दिन आ गये कहते थे की कांग्रेस की सरकार खराब है बढ़ाया दाम पेट्रोल डीजल का नीयत खराब है अब स्वयं दाम दुगने तुमने बड़ा दिए वाह वाह मोदी जी………… […]
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हालात के मारे हार जाता हू, कई बार फिर भी खड़ा हो जाता हूँ हर बार, बार बार इंसान हूँ, इंसान की तरह जीता हूँ टूटा हुआ पत्थर नहीं जो फिर ना जुड़ पाऊँगा। तेज धूप के बाद ढलती हुई साँझ आती जाती देख रहा बरसों से इसलिए चुन लेता हूँ हर बार नये नहीं होता निराश टूटे सपनो से। क्या हुआ जो पत-झड़ में तिनके सारे बिखर गये चुन चुनके तिनके हर बार नीड नया बनाऊँगा। इंसान हूँ, इंसान की तरह जीता हूँ टूटा हुआ पत्थर नहीं जो फिर ना जुड़ पाऊँगा। # डॉ. रूपेश जैन “राहत” Post Views: 684