(संदर्भ-9 दिसम्बर जन्म दिवस) दूसरे सप्तक के कवियों में प्रमुख नाम रघुवीर सहाय का आता है। हिंदी के विलक्षण कवि,लेखक,पत्रकार, सम्पादक,अनुवाक,कथाकार,आलोचक रघुवीर सहाय का जन्म ९ दिसम्बर १९२९ को लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में हुआ था। इन्होंने १९५१ में अंगेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। १९६४ से साहित्य सृजन करना प्रारंभ किया। इनका विवाह […]

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बड़ी ख़ुशी की बात हे कि,खिचड़ी को राष्ट्रीय आहार घोषित किया जा रहा हैl घर में जब भी खिचड़ी बनती तो पापा हमेशा कहते थे-अपने घर में क्या बनता है,सबको रोज नहीं बतानाl नहीं तो मोहल्ले वाले कहेंगे `खिचड़ी वाले` अंकल जी,क्योंकि मोहल्ले में कुछ लोग तो खिचड़ी के नाम […]

जौहर की आग संजय क्या जाने, राजपूती आन-बान ये क्या जाने। मुगलों को जिसने धूल चटाई थी, मेवाड़ के राजवंश को क्या जाने। सतीत्व के लिए अग्नि में कूद गई, पदमिनी को ये भंसाली क्या जाने। सारे देश की आन का सवाल है, राष्ट्र की अस्मिता को ये क्या जाने। […]

जिंदगी खुली किताब की तरह है। विचारों में जरा खुलापन रखिए॥ रिश्ते यूँ ही नहीं बनते जिंदगी में। इनमें थोड़ा तो अपनापन रखिए॥ खुशबू की तरह महकते रहो। हर गरीब के काम आते रहो॥ रोशन करो झोपड़ी उनकी। फिर खुशी से चहकते रहो॥ भगवान ने कितने सुन्दर चरित्र किए। हर […]

श्रीमद्भगवतगीता की अद्वितीय व्याख्या यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्मशास्त्र है। भारत में प्रकट हुई गीता विश्व मनीषा की धरोहर है। भारत सरकार को चाहिए कि,यथार्थ गीता को भारत का राष्ट्रीय धर्मशास्त्र घोषित कर दिया जाए। यथार्थ गीता को राष्ट्रीय शास्त्र का मान देकर ऊँच-नीच, भेदभाव तथा कलह परम्परा से […]

करें रोशन दीपों से मन को हमारे। हर ले माँ लक्ष्मी दरिद्र दुख हमारेll    चहुँ और फैले ज्ञान का आलोक प्यारे। रहे सब जन गण मन सुख से हमारेll    नज़र में हम रहते हैं जिसके सहारे। वही मालिक जो टालता दुख हमारेll    धर्म के रास्ते अनेक बताए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।