अम्मा

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ramkishor dahiya
मुर्गा बाँग न
देने पाता
उठ जाती
अँधियारे अम्मा
छेड़ रही
चकिया पर भैरव
राग बड़े भिनसारे अम्मा ।
सानी-चाट
चरोहन चटकर
गइया भरे
दूध से दोहनी
लिये गिलसिया
खड़ी द्वार पर
टिकी भीत से हँसी मोहनी ।
शील, दया,
ममता, सनेह के
बाँट रही उजियारे अम्मा ।
चौका बर्तन
करके रीती
परछी पर
आ धूप खड़ी है
घर से नदिया
चली नहाने
चूल्हे ऊपर दाल चढ़ी है ।
आँगन के
तुलसी चौरे पर
आँचल रोज पसारे अम्मा ।
पानी सिर पर
हाथ कलेबा
लिये पहुँचती
खेत हरौरे
उचके हल को
लत्ती देने
ढेले आँख देखते दौरे ।
जमुला-कजरा
धौरा-लखिया
बैलों को पुचकारे अम्मा ।
घिरने पाता
नहीं अंधेरा
बत्ती दिया
जलाकर धरती
भूसा-चारा
पानी-रोटी
देर-अबेर रात तक करती ।
मावस-पूनों
ढिंगियाने को
द्वार-भीत-घर झारे अम्मा ।।
    #रामकिशोर दाहिया
परिचय :
जन्म :  ग्राम- लमकना, जनपद-बड़वारा, जिला-कटनी (मध्यप्रदेश) के सामान्य कृषक परिवार में l
शिक्षा : एम.ए.राजनीति विज्ञान, डी.एड.।
पिता : श्री कोदू लाल दाहिया ।
माँ : श्रीमती केशी बाई दाहिया ।
प्रकाशन एवं प्रसारण : 
देश विदेश की प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में,1986 से गीत, नवगीत, नई कविता, हिन्दी ग़ज़ल, कहानी, लघु कथा, ललित निबंध एवं अन्य विधाओं में रचनाएं प्रकाशित एवं कई वेब पत्रिकाओं तथा ब्लॉगों में रचनाएँ संग्रहीत। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के विभिन्न प्रसारण केन्द्रों से रचनाओं का नियमित प्रसारण l
प्रकाशित कृतियाँ :
[1] ‘अल्पना अंगार पर’ नवगीत संग्रह 2008, उद्भावना दिल्ली l [2] ‘अल्लाखोह मची’ नवगीत संग्रह 2014, उद्भावना दिल्ली l [3] ‘नये ब्लेड की धार’ नवगीत संग्रह प्रकाशन प्रक्रिया में।
संयुक्त संकलन :
जिनमें रचनाएँ प्रकाशित हुईं—[1]’नवगीत: नई दस्तकें’ 2009, उत्तरायण प्रकाशन, लखनऊ l [2]’नवगीत के नये प्रतिमान’ 2012, कोणार्क प्रकाशन, दिल्ली l [3] ‘गीत वसुधा’ 2013, युगांतर प्रकाशन, दिल्ली। [4] ‘नवगीत का लोकधर्मी सौंदर्य’ 2014 कोणार्क प्रकाशन, दिल्ली।
विशेष टीप :
वाट्सएप पर संचालित एवं फेसबुक के दोनों संस्करण ‘नवगीत वार्ता’ एवं ‘संवेदनात्मक आलोक’ नवगीत साहित्य समूह में अनवरत क्रियाशील, हिन्दी गीत नवगीत विशेषांक प्रस्तुति श्रृंखला में विश्व कीर्तिमान की ओर। ‘संवेदनात्मक आलोक’ समूह के प्रमुख संचालक।
सम्प्रति :
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यपक के पद पर सेवारत।
 कटनी(मध्यप्रदेश)

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