वट-सावित्री

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keshav
आज पवित्र पर्व वट सावित्री की है,
आज के दिन सुहागिन महिलायें!
कथा सुनती सत्यवान-सावित्री की है।
वट वृक्ष के नीचे आज स्त्री पूजा करती हैं,
बांस के पंखे से वट वृक्ष को हवा करती हैं।
कच्चा धागा लपेटकर परिक्रमा करती हैं,
उसके बाद ध्यान से सभी कथा सुनती हैं।
आज पूजा और कथा सुनकर!
वो पति के दीर्घायु की कामना करती है,
उनके लिए पूरा दिन उपवास रखती हैं।
यह पावन त्योहार हमसभी के जीवन में,
सौभाग्य,दीर्घायु और आरोग्य प्रदान करती है,
सभीके दुःख,तकलीफ और पापों को हरती है।
इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है,
और इसके पूण्य से पति की उम्र बढ़ता है।
वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेष रहते हैं,
और सभीलोगों कि मनोकामना पूर्ण करते हैं।
स्त्रियों द्वारा किये त्याग का अनुपम श्रृंगार है,
स्त्रियां!पुरुषों के लिए एक उत्तम उपहार है।
माताओं-बहनों को मुबारक यह त्योहार है,
सभी के चरण कमलों में नमन बारम्बार है।
सभी के चरण कमलों में नमन बारम्बार है।।
          #केशव कुमार मिश्रा

 परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

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