आँसू आँख भिगोने में

0 0
Read Time1 Minute, 32 Second
yogendra morya
किसी काम के
नहीं पिता अब
पड़े हुये हैं कोने में
बड़ी नखरची
मिली बहुरिया
रोज बदलती भाषा
नहीं समय पर
रोटी-पानी
बढ़ती रोज निराशा
लगे है ऐसे
गयी रोशनी
आँसू आँख भिगोने में
परछाई भी
आती-जाती
घर के अंदर-बाहर
घुड़क रही है
ऐसे देखो
जैसे गरजे नाहर
पिचकी आँते
अंधी आंखें
दाने ढूढें दोने में
हिम्मत हारे
बैठ गयी है
काँपा करती काया
आँख मूँद
आहत मन सोचे
कैसी प्रभु की माया
साँस-साँस
मजबूर हुई हैं
इन रिश्तों को ढोने में
#योगेन्द्र प्रताप मौर्य
नाम-योगेन्द्र प्रताप मौर्य
साहित्यिक उपनाम-••••••
वर्तमान पता-ग्राम-बरसठी,पोस्ट-बरसठी,जिला-जौनपुर
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-जौनपुर
शिक्षा-स्नातक(विज्ञान)
कार्यक्षेत्र-अध्यापन
विधा -गीत/नवगीत
प्रकाशन-साझा संग्रह प्रकाशित,सूरज चाचा हाय हाय(इक्यावन बाल कविताएँ)
सम्मान-प. प्रताप नारायण मिश्र युवा साहित्यकार सम्मान,
अन्य उपलब्धियाँ-सर्वश्रेष्ठ रचना प्रमाण पत्र
लेखन का उद्देश्य- साहित्य सेवा

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

करो तुम और कुछ बातें...

Mon May 14 , 2018
करो तुम और कुछ बातें ठहर जाओ अभी दो पल नही दिल है भरा तुमसे छोड़ आयेंगे तुम को घर। करो तुम और कुछ बातें ठहर जाओ अभी दो पल। कोई कर देना बहाना पूछे जब देर आने के तोड़ते हम रहे थे फूल मन्दिर में चढ़ाने के नही दिल […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।