दर्द वो किसको सुनाए,
यातनाएं सह रही थी
भावनाएं दह रही थी,
कौरवों के मध्य नारी
चीख करके कह रही थी,
क्यों नहीं आए कन्हैयाl
क्यों नहीं आए कन्हैयाll
कष्ट में तड़पा बदन जब,
शोर में डूबा सदन जब
नुच रहा था वक्ष मेरा,
मौन था हर पक्ष मेरा
रक्त से लथपथ पड़ी मैं,
प्रश्न तुमसे कर रही थी
क्यों नहीं आए कन्हैयाl
क्यों नहीं आए कन्हैयाll
वार जितनी बार मैंने,
सह लिए वो वार कम थे
और नयनों से छलकते,
आंसूओं के तार कम थे
ज़ालिमों के हाथ मेरी,
लुट रही अस्मत बचाने
क्यों नहीं आए कन्हैयाl
क्यों नहीं आए कन्हैयाll
चल रही हूं लड़-खड़ाकर,
चोट ऐसी खा चुकी हूं
मैं कली से फूल बनकर,
टूटकर मुरझा चुकी हूं
प्रश्न अंतिम है बिखरते,
ख़्वाब तुम मेरे बचाने
क्यों नहीं आए कन्हैयाl
क्यों नहीं आए कन्हैया…ll
#सचिन मिश्रा ‘साधारण’
परिचय : सचिन मिश्रा का साहित्यिक उपनाम-साधारण और जन्मतिथि-२४ अगस्त १९९४ है। उन्नाव में जन्मे सचिन जी वर्तमान में लखनऊ में रहते हैं। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश निवासी श्री मिश्रा ने बी.कॉम. की शिक्षा ली है और कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप श्रृंगार रस के कवि होकर गीत रचते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि हैl