स्त्री का एक भी पल स्वयं का नहीं है , स्त्री जिसका कुछ भी नहीं है अपने लिए, हमेशा सब कुछ किया जिसने सबके लिए, जैसे पूरा आकाश मिल जाता है, जब स्त्री को मातृत्व का सुख मिल जाता है, उसका एकांत क्षण नहीं होता अपने लिए, स्त्री जब मां […]

आरंभ जिस गली में, कभी प्रेम का हुआ था.. अंकुर ह्रदय की भूमि पर, जिस क्षण जहाँ बुआ था.. उसी गली में बाद बरसों, उन्हीं से हम टकराए हैं… उसी तरह मिलाकर नजर, फिर से वो झूकाए हैं… बस दौर ए प्यार में, इतना सा फ़र्क आया है.. जिस कांधे […]

बिक रहे हैं हर घड़ी, ये कैसा अभिमान है.. सविधान दिवस पर ही, सविंधान का अपमान है.. जनता ठगी थी, ठगी की ठगी ही रह गई… कहीं कुर्सी का मलाल, कहीं कुर्सी का अरमान है… # सचिन राणा “हीरो” हरिद्वार (उत्तराखंड) Post Views: 444

जिम्मेदारी की गठरी ले मैं दौड़ आया हूं ए नौकरी मैं घर छोड़ आया हूं बचपन के वो खेल खिलौने, रेत से बनते घर के घरौंदे, वो बारिश का पानी जो कागज की कश्ती डुबो दे, उन सारी यादों से मैं मुंह मोड़ आया हूं, ए नौकरी मैं घर छोड़ […]

मेरी बातों पर कुछ ऐसे वो शर्माती थी,, रख कर उंगली होठों पर वो मुझे चुप कराती थी,, कैसे भूलू वो मिलन की रातें, कैसे खुद को समझाऊ क्या होती है विरह वेदना, क्या तुमको बतलाऊं, मेरे हाथों से कैसे वो अपने हाथों को छुड़ाती थी,, रख कर उंगली अपने […]

अपने आँगन की देहली पर फिर से बैठ जाओ ना.. कह दो मिलने का दिल है,तुम मिलने आओ ना.. किसी मुद्दत से तुझे ज़ी भर करके देखा नहीं… फिर उसी शिद्दत से मुझे बुलाओ ना… अपने आँगन की देहली पर फिर से बैठ जाओ ना… हर दूआओ में मांगा है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।