मन की आस

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 shakuntala
जब चाहो तुम कुछ पाना
कुछ ऐसा पाना जो कठिन हो बहुत
तब तुम करना दृढ़ संकल्प,
बढ़ना आगे सिर्फ अपने भरोसे
दूसरों से नहीं रखना कोई आस,
मुश्किलों से तुम घबराना जरा भी नहीं
हिम्मत का दामन तनिक भी
ढीला मत करना तुम,
धूप भरी दोपहरी
और तपती राहों में,
तुम मुरझाने मत लगना
जब कोई हमसफर नजर न आए
तो तुम थककर रूकना मत,
धीरे-धीरे ही सही बस
कदम आगे बढ़ाते रहना,
कठिन काम जो सरल करना है
तो दिन-रात उसमें जुटे रहना है,
एक हिम्मत एक आस के साथ,
अनवरत आगे बढ़ते रहना है।
ताकि तुम पा सको,
वो कठिन बहुत कठिन
जो हो गया है अब सरल
तुम्हारे लिए,
और वो आज भी कठिन है
औरों के लिए,
जो सब साधारण थे
तुम जैसे,
मगर तुमने
कर दिखाया असाधारण
मन की आस को थामे॥
#शकुन्तला पालीवाल
परिचय : शकुन्तला पालीवाल की जन्म तिथि-३ मई १९८६ है। आपका निवास उदयपुर (राजस्थान) के भुपालपुरा में है। शिक्षा एम.एस-सी.(कृषि जैव प्रौद्योगिकी एवं आणविक जीव विज्ञान) सहित बी.एड.,एम.ए.(हिन्दी साहित्य) भी है। कार्यक्षेत्र में आप सहायक कृषि अधिकारी हैं। साहित्यिक प्रगति में अनेक विधाओं पर लेखन (हाईकू,कहानी लेखन,कविता लेखन,लघुकथा लेखन आदि) कई पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। आपका प्रथम काव्य संग्रह प्रकाशन हेतु प्रक्रिया में है। 

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