जगत गुरु कहे जाने वाले देश भारत के युवाओं के चहुँमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधा है नशा । नशा शब्द सोचते ही दो प्रश्न उठते है – क्यो ? ओर कौन जिम्मेदार है? कुछ लोग इसके लिए व्यक्ति संगती को जिम्मेदार ठहराते है अपितु असल समस्या कुछ और है। […]
अरे! क्या कहा नवरात्रि आ रही है तो क्या हुआ हमे क्या लेना -देना हम तो बस इंजॉय करेंगे। इतना इंजॉय करें की भगवान को ही भूल जाएंगे, वैसे भी क्या है ? यह सब संस्कार, संस्कृति ,आदर्श, सभ्यता क्या मतलब भाई इन सब से हमे ,हम तो बस इंजॉय […]
जब चाहो तुम कुछ पाना कुछ ऐसा पाना जो कठिन हो बहुत तब तुम करना दृढ़ संकल्प, बढ़ना आगे सिर्फ अपने भरोसे दूसरों से नहीं रखना कोई आस, मुश्किलों से तुम घबराना जरा भी नहीं हिम्मत का दामन तनिक भी ढीला मत करना तुम, धूप भरी दोपहरी और तपती […]
देखो दशा मेरे देश की, तुम्हें मैं आज बताता हूं। क्या गांव और क्या शहर है, सबके हाल सुनाता हूं। हो रहा प्रदूषण इनमें भारी, देख रहे सब नर और नारी। नदियों की हालत न पूछो, मिले हैं केमिकल इनमें भारी। कट रहे हैं आज जंगल सारे, फिर क्यों कर […]
ए सनम, तेरे इश्क में पागल भी हम हो चुके हैं…। कांटों से नहीं,हम यहां फूलों से घायल हो चुके हैं…॥ धन-दौलत की चाह नहीं हमें, तेरे मासूम इश्क़ में हम खो चुके हैं…। अपने हमें समझाते रहे दुनिया की वो रवायतें…। हम समझ न पाए तो अपने घर से […]
देख लहू श्र्द्धालुओं का, मन क्यों मेरा डोल उठा। देख दशा कश्मीर की, रोम-रोम मेरा आज रो उठा॥ इस पाकिस्तानी हरकत पर, इस ! इस ! इस ! पाकिस्तानी हरकत पर, खून मेरा आज खोल उठा॥ अब चाहे जो हो, अब तो कर्ज चुकाना है। आईना आतंक-ए-पाकिस्तान, को दिखाना है॥ […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।