हो सकूं मुक्त हर मोह पाश से,
ऐसा वरदान
चाहिए था,
मुझको कब
अधिक ज्ञान
चाहिए था ??
उड़ सकूं उन्मुक्त
इस नील गगन में,
ऐसा अभयदान
चाहिए था,
मुझको कब अधिक
ज्ञान चाहिए था ??
सुख में दुःख में
अटल रहूँ,
ऐसा विश्वास
चाहिए था,
विषम में,तम में
दीप्तिमान रहूँ,
ऐसा प्रकाश
चाहिए था,
मुझको कब अधिक
ज्ञान चाहिए था ??
जन में,मन में
रहूँ अवश्य
ऐसा मान
चाहिए था,
इनकी,उनकी
सबकी सुनूँ,
ऐसा रसूख
चाहिए था,
मुझको कब
अधिक ज्ञान
चाहिए था ??
निर्भय,निश्चल
निश्चिन्त रहूँ,
ऐसा अभयदान
चाहिए था,
मुझको कब अधिक
ज्ञान चाहिए था ??
#सम्पदा मिश्रा
परिचय : सम्पदा मिश्रा की जन्मतिथि-१५ नवम्बर १९८० और जन्म स्थान-महाराष्ट्र है। आप शहर- इलाहाबाद(राज्य-उत्तर प्रदेश) में रहती हैं। एम.ए. एवं बी.एड. तक शिक्षित सम्पदा जी का कार्यक्षेत्र-बतौर प्रवक्ता अर्थशास्त्र(डाईट-इलाहाबाद) है। आपकी विधा-गद्य एवं पद्य है। आप स्वर्ण पदक विजेता हैं और लेखन का शौक है। लेखन का उद्देश्य-समाज को नई दिशा देना है।