क्या ढूंढ रही हूं…

1
0 0
Read Time1 Minute, 13 Second
neha
जिंदगी के नए पुराने रंगों से
खेल रही हूँ,
जाने क्या खुद में,क्या ढूंढ रही हूँ।
चारों तरफ फैला है बेबस अंधेरा…
क्यों मैं अपनी आंखें मूंद रही हूँ।
किसे दोष दें हम इस दुनिया में…,
इस हालत की जिम्मेदार
मैं खुद रही हूँ
वक़्त ने तो आगाह किया था
हमें कई बार,
पर मैं सबसे अनजान
आत्ममुग्ध रही हूँ।
नेहा के नेह अब बरसें भी तो भला कैसे…
अश्क आंखों में अपनी जगह ढूंढ रहे हैं।
अश्कों के लिए आंखों में जगह ढूंढ रही हूँ॥

           #नेहा लिम्बोदिया

परिचय : इंदौर निवासी नेहा लिम्बोदिया  की शिक्षा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से  पत्रकारिता में हुई है और ये शौक से लम्बे समय से लेखन में लगी हैं। कविताएँ लिखना इनका हुनर है,इसलिए जनवादी लेखक संघ से जुड़कर सचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। इनकी अभिनय में विशेष रुचि है तो,थिएटर भी करती रहती हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “क्या ढूंढ रही हूं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नारी

Mon Jan 8 , 2018
हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो… निर्मल गंगा जैसी हो, हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो…। अपने गुण से, अपने सौंदर्य से सबको मोहने लगती हो, हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो…। सबको क्यों, तुम अच्छी लगती हो.. इसमें कोई शक नहीं.. कि तुम बड़ी अच्छी लगती हो… मन में बनकर चाहत… बड़ी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।