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हो ऐसी शुरुआत कि रिश्ते पावन होवें।
हृदय वेदना तोड़ बंध रिश्ते न खोवें॥
अपने कारण दर्द किसी आँखों में आया।
सोचो खोया बहुत नहीं कुछ हमने पाया॥
जीवन है संग्राम किन्तु लड़ दानवता से।
केशव को कर याद पावनी मानवता से॥
धर्म-कर्म परमार्थ पिनाक उठाना होगा।
अवध न जाए हार,अवधपति! आना होगा॥
#अवधेश कुमार ‘अवध’
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