लाचारी क्यों

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गूँगे बैहरो की बस्ती में
क्या बोलेगा सुनेगा कोई।
बस अंधो की तरह
बैठकर भीड़ बड़ा देगा।
देख दृश्य यह आयोजक
बहुत खुश हो जाते है।
और अपने को स्वयं ही
बहुत महान बताते है।।
गूँगे बैहरो की बस्ती में
क्या बोलेगा सुनेगा कोई..।

नजारा आजकल ऐसा ही
बहुत चल रहा है।
शिक्षक बाबा और नेता
सभी का यही अलाम है।
ज्ञान अधूरा होने पर भी
ज्ञानी कहलाते है।
अंधे गूँगे और बैहरो की
बस्ती में ये पूजे जाते है।।
गूँगे बैहरो की बस्ती में
क्या बोलेगा सुनेगा कोई।

कामधाम और संस्कारों की
अब तो तुम मत बात करो।
सुबह से लेकर रात तक
वाद विवाद में पड़े रहो।
दिशा हीन हो रहे युवा अब
राह कौन इन्हें दिखायेगा।
बिना शिक्षा आदि के क्या
कोई महापुरुष बन पायेगा।।
गूँगे बैहरो की बस्ती में
क्या बोलेगा सुनेगा कोई..।

क्या हाल है अब यहां के
कुछ तो तुम करो विचार।
कब तक गूँगे और बैहरे
बनकर ये तमाशा तुम देखोगे।
अपनी करनी का फल भी
आने वाली पीढ़ियों पर थोपोगें।
कब तक और मौन रहकर
अपने समाज को नष्ट करोगें।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।