देवी का रूप

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mahak varma
बचपन से सबको यही कहते सुना है औरतें देवी स्वरूप होती हैं।
सुंदर वर्ण,सर्वगुण संपन्न,नारी की ऐसी कल्पना ही क्यूं होती है।
आत्मनिर्भर,अभेय ,प्रतिभावान,कुछ ऐसी परिभाषाएं भी तो होती है॥

क्या सच में औरतें देवी का रूप होती हैं ?

मां-बहन-पत्नी-बेटी,हर किरदार निभाती है।
अग्निपरीक्षा हो या शादी का रिश्ता,हर युग में हर मोड़ पर ये परखी जाती है।
कभी प्यार,कभी गुस्सा,कभी अपनी सारी खुशियां वार देती है।
कभी खुद को भी भुलाकर, अपनों को संजोए रखती है।

क्या सच में औरतें देवी का रूप होती हैं ?

क्या कभी इन देवियों को उचित स्थान मिलेगा,
क्या कभी इनका भी नाम सबसे पहले रहेगा ?
सब कहते हैं-औरत एक अनसुलझी पहेली होती है,
कोई नहीं जानता,बहुत से गम अपने अंदर छुपाए होती है।

क्या सच में औरतें देवी का रूप होती हैं ?

कभी लक्ष्मी,कभी दुर्गा ,कभी अन्नपूर्णा का रूप होती है।
समय आने पर यह महाकाली भी होती है।

सबको संवारते-संवारते, कभी अपना अस्तित्व भी खो देती हैं।
हां,सच में औरतें देवी का रूप होती हैं।

                                                     #महक वर्मा

परिचय : महक वर्मा की जन्मतिथि-३ मार्च १९९९ तथा जन्मस्थान-इंदौर हैl आपका निवास शहर भी इंदौर(मध्यप्रदेश) हैl शिक्षा-बीए(पत्रकारिता एवं जनसंचार)हैl लेखन का उद्देश्य-अपनी भावनाओं एवं विचारों को शब्दों में पिरोकर लोगों तक पहुंचाना है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।