क्या रिश्ता है रायपुर और हर्षद मेहता का?

1 0
Read Time3 Minute, 22 Second

हर्षद मेहता का रायपुर से नाता…

हर्षद मेहता एक बार फिर सुर्खियों

हर्षद मेहता एक बार फिर सुर्खियों में है। इसका कारण हर्षद पर बनी एक वेब सीरीज़ ‘ #स्कैम1992’ आजकल प्रसारित हो रही है। हर्षद पहली बार तब सुर्खियों में आये थे, जब देश का शेयर मार्केट धड़ाम से गिर पड़ा और इसके केंद्र में नज़र आये हर्षद मेहता।

शनिवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शोभा यादव जी से उनका हालचाल पूछने पहुंची तो हर्षद मेहता की बात चल पड़ी। शोभा जी से पता चला कि हर्षद मेहता का बाल्यकाल #रायपुर छत्तीसगढ़ में बीता था। रायपुर के नहरपारा में उनका परिवार रहता था। पिता शांतिलाल मेहता की गुरुनानक चौक में एक छोटी सी दुकान थी।

हर्षद मेहता और उनके छोटे भाई अश्विन मेहता रायपुर के प्रतिष्ठित होली क्रॉस बैरन बाजार सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते थे। रायपुर में हर्षद एक कमरे के मकान में माता-पिता, चार भाइयों और एक बहन के साथ रहते थे। हर्षद मेहता क्रिकेट का शौकीन था। महत्वाकांक्षी था। #RBI की लचर गाइड लाइन्स का फायदा उठाते हुए उसने एक कुचक्र रचा और 1992 में देश का सबसे चर्चित इंडियन स्टॉक मार्केट स्कैम सामने आया,जो हर्षद मेहता स्कैम के नाम से भी जाना जाता है।

रायपुर में उसके क्लासमेट्स आज भी गाहे बगाहे उसे याद करते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री #मोहम्मदअकबर, कारोबारी हरबख्श लाली, सेवानिवृत्त अफसर वीरेंद्र बिलैया, स्टेट बैंक अफसर मनहरण वेलु और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव (वर्तमान अध्यक्ष ‘रेरा’) #विवेकढांड के नाम हर्षद के स्कूल/कॉलेज के साथियों में शुमार रहे हैं।हर्षद मेहता रायपुर के प्रतिष्ठित #दुर्गा_कॉलेज में छात्रसंघ सचिव भी रहे हैं।

हर्षद की रहस्यमयी गुत्थी आज भी सुलझी नहीं है क्योंकि वो अकेला उस स्कैम का सूत्रधार नहीं था। उस वक़्त के बड़े-बड़े नेताओं, अफसरों के नाम इसमें सामने आ सकते थे। लेकिन बड़ी सफाई से सारा ठीकरा हर्षद के सर फोड़ मामले को रफ़ा-दफ़ा कर दिया गया।

नोट- चित्र रायपुर स्थित स्कूल होली क्रॉस स्कूल का, जिसमें पहली पंक्ति में अश्विन मेहता और दूसरी लाइन में हर्षद मेहता नज़र आ रहे हैं। (पिक्चर और जानकारी साभार: आदित्य यश पत्रिका)

प्रियंका_कौशल, रायपुर

लेखिका छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ पत्रकार है।

matruadmin

Next Post

शक्ति को समर्पित..

Sun Dec 20 , 2020
तू ही जननी, तू ही विनाशनी, तू ही शक्ति स्वरूपा है। तू ही दुर्गा, तू ही काली, तू ही माँ जगदम्बा है। ममता का वात्सल्य भी तू है, तू ही गौरी माता है। सतीत्व की मूरत है तू, कभी सावित्री कभी अनुसूया माता है। तू ही दिति, तू ही अदिति, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।