(बाल दिवस विशॆष)
नटखट बच्चे,चंचल बच्चे,
लगते हैं सबको अच्छे बच्चे।
न हो शोषण,न हो अन्याय इन पर,
क्योंकि,ये ही हैं भारत का खिलता कमल।
चाचा-मामा के चहेतों के संग चल,
आओ बनाएं उज्जवल भारत का कल।
अगर दिखें ये मजदूरी करते,भीख माँगते,
चाय बनाते,कचरा बीनते,इनको रोकें।
हम दस्तक अभियान चलाएं,
इनको जोड़ें,शिक्षा के संग लाएं।
प्रतिज्ञा करें,न होने देंगे बाल शोषण,
इस कच्ची मिट्टी का करें सच्चा पोषण।
‘बाल दिवस’ पर इन्हें सिखाएं,
जीवन है अनमोल,इसे यूँ ही न गंवाएं।
खूब पढ़ो,खूब बढ़ो क्योंकि,
तुम ही तो हो कल की शक्ति॥
#नमिता दुबे
परिचय : नमिता दुबे इंदौर की निवासी हैंl आप शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं और रचनाएं-लेख लिखने का काफी पुराना शौक रखती हैंl अभी करीब एक वर्ष से अधिक सक्रिय हैं,क्योंकि पात्र-पत्रिकाओं में इनका सतत प्रकाशन हो रहा है I