समदर्शी विधाता से दो टूक

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खाए-पिए लोगों को
सूझती है धींगामस्ती,सैर-सपाटा,
नाच-गाना,हंसना-खिलखिलाना
और अपनी मस्ती में मस्त हो जाना।
दिहाड़ी मजदूरी कर
पेट पालने वाला शख्स,
थक-हारकर जब शाम को
घर लौटता है तो ६×८ की
सीलनभरी जर्जर झोपड़ी में,
लिपटी फटेहाल जिन्दगी ही
किसी स्वर्ग से कम नजर नहीं आती है।
नसीब सबका अपना-अपना है,
इससे भला कौन
इन्कार कर सकता है,
लेकिन जब सूरज की धूप,
चन्द्रमा की चांदनी,
वृक्षों की ताजी हवा
नदी का बहाव,राजा की इम्दाद
और प्रशासन की हमदर्दी,
कमजोर को छोड़ ताकतवर
की हमराह बनने पर आमादा
हो जाती है तब मुझे,
किसी षडयंत्र की बू और
ईश्वर के समदर्शी होने पर
शंका नजर आती है।
मैं विकास का विरोधी नहीं हूँ,
आधुनिक होने से भी
मुझे परहेज़ नहीं है,
अमीरों से भी कोई जलन नहीं है
मैं तो बस इतना चाहता हूँ कि,
हरेक को अपने-अपने
हिस्से का आकाश मिले,
महलों को अगर दूधिया
रोशनी मिले तो,
झोपड़ी को भी बिना
कतार गुजर-बसर
करने लायक प्रकाश मिले॥

                                             #डॉ. देवेन्द्र  जोशी

परिचय : डाॅ.देवेन्द्र जोशी गत 38 वर्षों से हिन्दी पत्रकार के साथ ही कविता, लेख,व्यंग्य और रिपोर्ताज आदि लिखने में सक्रिय हैं। कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित हुई है। लोकप्रिय हिन्दी लेखन इनका प्रिय शौक है। आप उज्जैन(मध्यप्रदेश ) में रहते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।