तब तक `विद्यासागर` हो

0 0
Read Time1 Minute, 34 Second

pushpendra
तव पद में मम माथ है गुरुवर,
मम माथे तेरा कर हो
तव आशीष तले मम चेतन
मम जीवन पावन कर दोl

अदभुत है संयोग ये गुरुवर,
`मलप्पा श्रीमती` सुत का
`शरद पूर्णिमा` के तुम चंदा
संग सूर्य सम यतिवर होl

शब्द नहीं,सुर-ताल न जानूं ,
फिर भी अज्ञ करे भक्ति
`पुष्प` ध्यान में नैन में तुम हो,
अन्तस्थल मम गुरुवर होl

ज्ञान शिष्य विद्या गुरु शरणं,
भवसागर से हो तरणं
नहीं चिता की चिंता मुझको,
जो मरणं तेरे दर होl

यही भावना हे परमेश्वर,
पंचम युग पर दृष्टि हो
जब तक नभ में सूरज-चंदा,
तब तक `विद्यासागर` होll
(आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अवतरण दिवस पर शब्द सुमन)

                                                              #पुष्पेन्द्र जैन ‘नैनधरा’

परिचय : पुष्पेन्द्र जैन ‘नैनधरा’ का  सागर(मध्यप्रदेश) के गोपालगंज में निवास है। आप यहीं पर टाइल्स- मार्बल और सेनेटरी का व्यवसाय करते हैं। साथ ही कविताएं और लेख लिखने का शौक भी रखते हैं। कविता लेखन में विशेष रुचि है। १००० से अधिक रचनाएं लिख चुके हैं,जो कई संचार माध्यमों से प्रकाशित भी हुई हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

तेजाब

Fri Oct 6 , 2017
रेखा मोहल्ले की सबसे सुंदर लड़की थी। हर कोई उसके लिए जान देने को तैयार था। रेखा को पढ़ने का शौक था। वह मनोविज्ञान की प्राध्यापक बनना चाहती थी। उसका मानना था कि,समाज में बहुत से लोग मानसिक बीमारी का शिकार हैं,लेकिन उसे नहीं मालूम था कि,लोगों की मानसिकता को बदलना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।