रावण अब भी जिंदा है…

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hemant saral
दशहरे का दिन तुम देखो,
आज फिर से आया है।
हर गली-मुहल्ले में,
फिर रावण जलाया है॥
बुराई का अंत हुआ था,
विजय राम ने पाई थी।
अयोध्या को मिले राम फिर,
घर-घर बँटी मिठाई थी॥
स्वर्ग तुल्य बनी थी धरती,
रामराज्य ने जन्म लिया।
बजरंग बन इस दिन शिव ने,
दुष्टों का था दमन किया॥
महा ब्राह्मण था रावण फिर भी,
वंश नाश का कारण बना।
भूल हुई थी उससे घोर,
सीता माँ का हरण किया॥
शिव का महान भक्त था रावण,
तीनों लोक का राजा था।
अंहकार के ही कारण,
बजा उसका बाजा था॥
नहीं बदला है अब भी कुछ,
रावण अब भी जिंदा है।
राजनीति में घुसकर बैठा,
आतंक फैलाना धंधा है॥
महंगाई है इसकी रणनीति,
बेरोजगारी है हथियार।
खत्म करने अच्छाई को,
मुँह खोले बैठा तैयार॥
आगे बढ़ो देश के वीरों,
हथियार उठा लो हाथों में।
कुछ भी रखा नहीं है मित्रों,
इन जात-पात की बातों में॥
साथ मिलकर चले तो यारों,
एक दिन ऐसा आएगा।
भ्रष्टाचार,महंगाई रूपी,
रावण ये ढह जाएगा॥
#हेमन्त कुमार ‘सरल’
परिचय:  हेमन्त कुमार का उपनाम ‘सरल’ है। अभी स्नातक में अध्ययनरत हैं। आपको कविताओं को लिखने-पढ़ने का शौक है। आपका निवास हरियाणा के हिसार स्थित पड़ाव चौक में है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।