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प्यार इक कसम,
प्यारी सी रसम
प्यार इंतज़ार,
प्यार दीदार,
प्यार दिलदार,
प्यार सत्कार
कभी-कभी तकरार।
प्यार क्या है…
प्यार इक आस,
कभी ख़ुशी
कभी उदास,
कभी दूर,
कभी पास
कभी वर्तमान,
कभी कभी इतिहास।
प्यार क्या है…
प्यार मनचला,
कभी मिला
कभी नहीं मिला,
कभी सिला
कभी गिला,
कभी-कभी ज़लज़ला।
प्यार क्या है…
प्यार इक भूख,
कभी आंधी
कभी धूप,
कभी परछाई
कभी मिलन,
कभी जुदाई
कभी कभी रुसवाई।
प्यार क्या है…
प्यार इक आशा,
प्यार इक तमाशा
प्यार इक जिज्ञासा,
प्यार इक अभिलाषा
प्यार इक बंधन,
प्यार ज्यूँ चन्दन
प्यार इक अंगड़ाई,
मिले तो बधाई
न मिले तो तनहाई,
यही जीवन की सच्चाई
प्यार मिले तो बधाई
वर्ना धुनाई ही धुनाई…
प्यार क्या है…॥
#हर भगवान शर्मा
परिचय : हर भगवान शर्मा की जन्मतिथि-अक्टूबर १९५६ तथा जन्म स्थान-रामगढ़-अलवर (राजस्थान)है। आपका पैतृक स्थान-दिल्ली है,जबकि फिलहाल शहर-टोरंटो-कैनेडा में निवास है। शिक्षा में बी.कॉम.के साथ ही एम.ए., जनसंपर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा सहित पत्रकारिता में भी उपाधि ली है। कार्यक्षेत्र में आप न्यूयॉर्क(अमेरिका) में बैंक में मुख्य प्रबंधक रहे हैं। वर्तमान में टोरंटो में भी एक संस्था में प्रबंधक हैं। सामाजिक क्षेत्र में संस्थापक हरि मंडल कैनेडा,सुंदरकांड पाठ व भजन संध्या द्वारा एकत्र धन को नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई के लिए उपयोग करना सहित 16 वर्ष से सदस्यों के साथ सेवा में समर्पित हैं। आपकी पसंदीदा विधा-हास्य है,इसलिए आप हास्य व्यंग्य की रचनाएं अधिक लिखते हैं। सम्मान यही है कि,नार्थ अमेरिका में ‘लाफ्टर ब्रिगेड’ के नाम से आपको जाना जाता है। लेखन का उद्देश्य-मनोरंजन और सामाजिक जागरुकता फैलाना है।
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Tue Sep 19 , 2017
किन्नर में समाए नर और नारी से सीखो तुम, उस बसे अर्ध नर से सीखो तुम। हंसी निकलती है इन्हें देख,इन्हें हंसाना सीखो तुम, नर-नारी का दोनों है वो रुप उन्हें अपनाना सीखो तुम। रब की कृति सुंदर है,इस कृति को प्यार करना सीखो तुम, हर स्थिति में इनसे खुश […]
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद।