सरहद की मजबूरी

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
sanjeev shreevastav
प्यार किया है दोनों ने,पर सरहद की मजबूरी है,
दो दिलों के बीच में देखो,दो देशों की दूरी है।
मिलन बड़ा मुश्किल है उनका दोनों खूब समझते हैं,
तड़पते रहते रातों-दिन छुप-छुप आहें भरते हैं।
बड़ा कठिन है जीवन उनका ख्वाहिश सभी अधूरी है।
दो दिलों….॥
दुश्मनी है दोनों देशों में खून-खराबा होता है,
बेबस प्रेमियों का दिल तो सिसक-सिसक के रोता है।
नारायण भारत में रहता पाकिस्तान में नूरी है।
दो दिलों….॥
इंतजार में अब भी दोनों,कभी अपना मिलन होगा,
पाक-हिंद भी दोस्त बनेंगे,एक दिन सही सपना होगा।
राजनीति से उठकर सोंचो,युद्ध अब नहीं जरूरी है।
दो दिलों के बीच में देखो,दो देशों की दूरी है॥
( १६  १४ यति पर)
 #संजीव श्रीवास्तव ‘सार्थक’
परिचय: संजीव श्रीवास्तव ‘सार्थक’ की जन्मस्थली-पुखरायां (कानपुर देहात) एवं जन्मतिथि- १३ अप्रैल १९७४ है। आपका निवास शहर-पुखरायां(राज्य उत्तरप्रदेश)है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा आपकी शिक्षा व कार्यक्षेत्र-शिक्षक(प्रावधिक शिक्षा,उत्तरप्रदेश) है। लेखन में आपकी विधा-गीत,ग़ज़ल और मुक्तक है। लेखन का उद्देश्य-साहित्य अभिरुचि और शौकियाना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बुरी आदत पर नियंत्रण

Mon Sep 18 , 2017
जो आदत हमारे इर्द-गिर्द के वातावरण में पनपती है,उसमें कुछ अच्छी होती है-कुछ बुरी होती है। कुछ हमारे जीवन का उत्कर्ष करती है तो कुछ हमारी बर्बादी का मूल कारण बनती है। अगर आदत अच्छी है तो उसे पुष्ट कीजिए,और अगर बुरी है तो उससे दूर रहिए। अपनी आदत के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।