नारी सम्मान

0 0
Read Time1 Minute, 39 Second
aarti jain
हर दिन नारी की इज्जत से ‘खेला’
जाता है,
कभी शब्दों से तो,कभी हाथों से
नारी को ‘मैला’ किया जाता है।
अपमान के घूँट को पीना नारी का
‘फर्ज’ माना जाता है,
मान तो पुरूषों के हिस्से में आता है..
नारी को तो आज भी एक ‘कर्ज’
माना जाता है।
ऐसे ही हुआ अपमान नारी का तो नारी भी तुम्हारे ‘लाल को माल’ बोलेगी l
जैसे तुम ‘साली को आधी घर वाली’ बोलते हो,वैसे वो ‘देवर को वर बोलेगी।
मत भूल ए पुरुष तू अपनी मर्यादा को वरना, नारी रुपी नदी में वो ‘बाढ़’ आएगी,जिसमें ये पूरी ‘सदी डूबेगी।’
नारी ‘ममता’ है तो तुम भी रखो
थोड़ी ‘क्षमता’,
याद रखना नारी को ‘सम्मान’ दोगे
तो ‘मान’ मिलेगा।
बस नारी की है यही ‘कहानी’,
मत आने दो कभी उसकी आँख में ‘पानी’।
भले मत बनाओ उसे ‘रानी’ किंतु
उसके लिए उपयोग करो ‘मीठी वाणी।’
नारी हूँ, इसलिए नारी के लिए
लिख रही हूँ,
पसंद आए तो जीवन में  उतारना,
जो व्यथा कह रही हूँ॥
                                                                               #आरती जैन
परिचय:  आरती जैन राजस्थान राज्य के डूंगरपुर में रहती है। आपने अंग्रेजी साहित्य में एमए और बीएड भी किया हुआ है। लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई दूर करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मंजिल पाना हो अगर...

Fri Aug 11 , 2017
    राही तू चलते चल, टेढ़ी-मेढ़ी  हो डगर रुकना नहीं तू मगर, मंजिल पाना हो अगर। अपना रास्ता खुद चुनना होगा, एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा चुनौती को स्वीकार करना होगा, कसौटी पर खरा उतरना होगा अपनी समझदारी दिखानी होगी, मंजिल को आसान बनाना होगा। भूल-भुलैया-सी इन राहों में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।