सर झुकाना आ जाये

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rupesh jain

नज़ाकत-ए-जानाँ1 देखकर सुकून-ए-बे-कराँ2 आ जाये

चाहता हूँ बेबाक इश्क़ मिरे बे-सोज़3 ज़माना आ जाये

मुज़्मर4 तेरी अच्छाई हम-नफ़्स मुझमे, क़िस्मत मिरी

लिखे जब तारीख़े-मुहब्बत5 तो हमारा फ़साना आ जाये

माना हरहाल मुस्कुराते रहना है रिवायत-ए-जवानी6

जुस्तजू इतनी दौर-ए-ग़म7 में रिश्ते निभाना आ जाये

बे-लिहाज़8 बस्ती में हो चला मतलब-आश्ना9 हर कोई

भरोसा रखने से बेहतर दर्द-ए-बेकसी10 भुलाना आ जाये

इबादत-गुज़ार11 हूँ मिरे मालिक़ इनायत बख्शते रहना

दुआ ‘राहत’ नाम तिरा आये तो सर झुकाना आ जाये

शब्दार्थ:

१ नज़ाकत-ए-जानाँ -: प्रिय की सादगी

२ सुकून-ए-बे-कराँ -:  अशांत की शांति/ असीम शांति

३ बे-सोज़ -: जिसमें जलन न हो

४ मुज़्मर -: छुपी हुई

५ तारीख़े-मुहब्बत -: प्रेम का इतिहास

६ रिवायत-ए-जवानी -: युवा होने के नाते, युवाओं की परंपरा

७ दौर-ए-ग़म -: पीड़ा का समय

८ बे-लिहाज़ -:बेशर्म

९ मतलब-आश्ना -: मतलब से प्यार करने वाला

१० दर्द-ए-बेकसी – असहाय होनें की पीड़ा

११ इबादत-गुज़ार – भक्त, प्रार्थना करने वाला

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत”

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।