खिलती कली का कातिल

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rajeshwari
आज फिर एक खिलती कली
पाई कचरे  के ढेर पर,
चीत्कार कर उठा ह्दय
तड़प उठी ममता भी।
रक्त उबल आया आंखों में,
उस बेदर्द ह्दयहीन जननी पर
हजारों सवाल खड़े  हो गए
उस मासूम की आंखों में।
जब तुम्हें नहीं थी मेरी अभिलाषा,
क्यों तुम मुझ को लाई जग में
नाल तक नहीं कटी थी मेरी,
और फेंक गई कूड़े में।
हे मेरी जननी,
मैं तो उस परमात्मा का
दिया तोहफा हूँ,
जैसे तुम हो,वैसी मैं हूँ।
तेरे अंग का टुकड़ा हूँ मैं,
तेरे ही रक्त से सींची हुई
तेरी परछाई हूँ मैं,
हाथ नहीं काँपे तेरे।
हदय मैं नहीं उठी ज्वाला कोई,
कैसे छोड़ पाई होगी मुझको
बेटे-बेटी में भेद किया तूने,
या कोई अनब्याही माँ थी?
तुझे नहीं पालना था मुझे,
तो किसी और को दे देती
बिन संतान वाली माँ मुझे,
पाकर ख़ुशी से झोली भर लेती।
क्यों फेंका माँ मुझको कचरे में,
आज भी एक ज्वलंत प्रश्न
क्यों बेटे-बेटी में भेद,
करता है ये समाज॥

                                                                                                    #श्रीमती राजेश्वरी जोशी

परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।