बंधुओं भाषा जनगणना 2011 की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद यह बात देखने में आ रही है कि जैसे जैसे हिंदी की  क्षेत्रीय भाषाओं को अष्टम अनुसूची में वर्णित किया जा रहा है, उससे हिंदी का महत्व घटता जा रहा है । उदाहरण के लिए जहां हिंदी ने 1971 से […]

आज ठण्ड बहुत ज्यादा थी,कोहरा भी छाया हुआ था। सर्द मौसम में पड़ोस की गली सूनी पड़ी थी,जहां हर समय छोटे-छोटे बच्चों का शोर बना रहता है,  पर सब आज अपने कच्चे-पक्के मकानों या कहें कि,झोपड़ियों में दुबके हुए थे।  जिनके तन पर गर्म कपड़ों की बात तो दूर,तन ढंकने […]

नव सृजन करने चली, प्रकृति की अनूठी सौगात उदर में रख नव मास तक सिंचित रक्त से सांसों को, उत्सुक नैना बेचैन धड़कन देखन स्व रचित रचना को मुख देखत पुलकित हर्षाई ममता उमड़ उमड़ कर आई नैनन नीर भरे दर्द सगले बिसराई माँ थी जिसने सुन किलकारी अबोध की […]

अकेले-अकेले जा रहे हो, साथ हमें भी ले लो तो चलें। दिल में आपके तूफान है, बहुत कुछ बाँट लो तो चलें। रफ्ता-रफ्ता राह कट जाएगी, कुछ मेरी भी सुनो तो चलें। हाथ रीते हैं अभी तक आपके, हाथों में हाथ ले लो तो चलें। मौसम भी खुष्क है तपन […]

८ साल का भव्य और ५ साल की अनन्या भाई-बहन है। दोनों ही खूब झगड़ा करते थे। भव्य  सीधा-सादा था जबकि अनन्या शैतान थी। वो भव्य को नोंचती-मारती, और कभी-कभी तो काट खाती। भव्य बड़ा होने के कारण सब सहन कर लेता  था,पर कभी तो वो बदला ले ही लेता […]

आज ख़ुशी मिली है इतनी करुँ इजहार कैसे मैं। लरजता तन हर्षित मन, करुँ गुणगान कैसे में॥ दीप जलाऊं द्वार पर मेरे, करुँ इंतजार कैसे मैं। होंठों पर हंसी,आँखों में नमी, करुँ इजहार कैसे मैं॥ सुहानी शाम आई है, ले के श्याम को मेरे। आरती सजाऊँ मंगल गाऊँ, करुँ वन्दना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।