0
0
Read Time37 Second
फूलों पर वो,
प्यारी-प्यारी..
तितली चली।
कभी भागती,
कभी ठहरती..
तितली चली॥
चंचल नैनों,
पैरों वाली।
रंग-बिरंगे,
पंखों वाली॥
तितली रानी,
लगती बच्चों..
खिलती कली॥
सुन्दर-सुन्दर,
प्यारी-प्यारी।
तितली लगती,
न्यारी-न्यारी॥
फूलों,झूलों,
मन की गोदी..
तितली पली॥
#मुकेश बोहरा ‘अमन’
परिचय : मुकेश बोहरा ‘अमन’ अधिकतर बाल रचनाएँ रचते हैं। आप पेशे से अध्यापक होकर बाड़मेर (राजस्थान) में बसे हुए हैं।
Post Views:
566